Saturday, January 18, 2025

ग्राम श्री

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“ग्राम श्री” सुमित्रानंदन पंत की एक प्रसिद्ध कविता है जो ग्रामीण जीवन की सुंदरता और प्रकृति के साथ उसके गहरे जुड़ाव को दर्शाती है। कवि ने गाँव के हरियाली से भरे खेतों, फूलों से लदे पेड़ों, और सुबह की कोहरे की धुंधली परतों का अत्यंत कोमल और चित्रात्मक वर्णन किया है।

कवि ने गांव के जीवन को एक कलाकृति की तरह प्रस्तुत किया है। खेतों में लहलहाती फसलों को उन्होंने मखमली कोट पहने हुए बताया है, जो सूर्य की किरणों से चमक रहे हैं। गांव का जीवन सादगी और प्रकृति के साथ सराबोर है। कवि ने गांव के लोगों के जीवन को भी चित्रित किया है – किसानों का खेतों में काम करना, महिलाओं का गीत गाते हुए काम करना, बच्चों की मुस्कान, आदि।

कविता में प्रकृति का सौंदर्य, ग्रामीण जीवन की सादगी, और मानव-प्रकृति के बीच के गहरे संबंध को बहुत ही सुंदरता से चित्रित किया गया है। “ग्राम श्री” हमें ग्रामीण जीवन की सुंदरता और प्रकृति के साथ हमारे जुड़ाव को याद दिलाती है।

प्रश्न- अभ्यास

1. कवि ने गाँव को ‘हरता जन मन’ क्यों कहा है?

उत्तर :

कवि ने गाँव को ‘हरता जन मन’ इसलिए कहा है क्योंकि गाँव का वातावरण इतना सुंदर और शांत है कि यह हर किसी का मन मोह लेता है। गाँव की हरियाली, खेतों की लहरें, पेड़ों की छाया, और नदियों का बहता पानी – यह सब मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाता है जो मन को शांत और प्रसन्न करता है।

2. कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है ?

उत्तर :

“ग्राम श्री” कविता में मुख्यतः वसंत ऋतु के सौंदर्य का वर्णन किया गया है। कवि ने अपने वर्णन में वसंत ऋतु के विशिष्ट लक्षणों को बहुत ही खूबसूरती से पिरोया है। खेतों में लहलहाती फसलें, पेड़ों पर नई पत्तियाँ, फूलों की बहार, हल्की ठंडी हवा और धूप का मिश्रण, पक्षियों का चहचहाना – ये सभी तत्व वसंत ऋतु का संकेत देते हैं। कवि ने इन सभी तत्वों को मिलाकर गाँव के प्राकृतिक सौंदर्य को एक अद्भुत चित्र के रूप में प्रस्तुत किया है।

3. गाँव को ‘मरकत डिब्बे सा खुला’ क्यों कहा गया है ?

उत्तर :

कवि सुमित्रानंदन पंत ने गाँव को ‘मरकत डिब्बे सा खुला’ कहकर उसकी प्राकृतिक सुंदरता और विशालता को अद्भुत रूप से चित्रित किया है। ‘मरकत’ एक हरा रत्न है, जिसका रंग गाँव की हरियाली को दर्शाता है। खेतों में लहलहाती फसलें, पेड़ों की पत्तियाँ, घास का हरा मैदान, ये सब मिलकर एक हरे रंग की चादर बिछाते हैं। ‘खुला’ शब्द गाँव की विशालता और खुलेपन को दर्शाता है। गाँव में चारों ओर खुला आसमान, दूर तक फैले खेत, और नदियों का बहता पानी – ये सब मिलकर एक विस्तृत और खुले वातावरण का निर्माण करते हैं। इस प्रकार, ‘मरकत डिब्बे सा खुला’ यह उपमा गाँव की प्राकृतिक सुंदरता और उसके विशाल आकार को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करती है।

4. अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं ?

उत्तर :

कवि सुमित्रानंदन पंत ने अरहर और सनई के खेतों को अत्यंत मार्मिक ढंग से चित्रित किया है। उन्होंने इन खेतों को “वसुधा की कमर पर बंधी हुई सुनहरी करधनी” की उपमा दी है। यह उपमा खेतों की सुंदरता को अद्भुत रूप से व्यक्त करती है। अरहर और सनई के फूलों का रंग सुनहरा होता है, जिससे खेत सोने की चादर से ढके हुए लगते हैं। इस सुनहरे रंग की तुलना करधनी से की गई है, जो कमर पर बंधकर महिलाओं की सुंदरता को निखारती है। इस प्रकार, कवि ने खेतों को धरती माता की सुंदरता को निखारने वाले आभूषण के रूप में प्रस्तुत किया है, जो उनकी सुंदरता और महत्ता को अत्यंत प्रभावशाली ढंग से दर्शाता है।

5. स्पष्ट कीजिए-

(क) बालू के साँपों से अंकित

गंगा की सतरंगी रेती

(ख) हँसमुख हरियाली हिम-आतप 

सुख से अलसाए से सोए

उत्तर :

(क) अर्थ: कवि ने गंगा नदी के किनारे के रेतीले तट को एक जीवंत चित्र के रूप में प्रस्तुत किया है। रेत के टीले साँपों की तरह लहराते हुए और रंग-बिरंगी रेत सूर्य की रोशनी में चमकती हुई, यह दृश्य बहुत ही मनमोहक है।

(ख) अर्थ: कवि ने सर्दियों के मौसम में खेतों के शांत और सुंदर दृश्य को चित्रित किया है। हरी-भरी फसलें और हल्की धूप का मिश्रण एक ऐसा शांत वातावरण बनाता है जहां सब कुछ आराम कर रहा है।

6. निम्न पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है ?

तिनकों के हरे हरे तन पर

हिल हरित रुधिर है रहा झलक

उत्तर :

दी गई पंक्तियों में कई अलंकार छिपे हुए हैं:

  • पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार: “हरे हरे” शब्द का दोहराव होने के कारण यह अलंकार है। इससे हरे रंग का प्रभाव और बढ़ जाता है।
  • अनुप्रास अलंकार: “हिल हरित” में ‘ह’ और ‘र’ वर्णों की आवृत्ति के कारण यह अलंकार है। इससे ध्वनि की मधुरता बढ़ती है।
  • रूपक अलंकार: “तिनकों के तन पर” में तिनकों को मानवीय गुण दिया गया है। मानो तिनके भी जीवित हों और उनमें रक्त बह रहा हो। यह एक अत्यंत प्रभावशाली रूपक है।
  • मानवीकरण अलंकार: इसी पंक्ति में तिनकों को मानवीय गुण दिया गया है, इसलिए यह अलंकार भी है।

7. इस कविता में जिस गाँव का चित्रण हुआ है वह भारत के किस भू-भाग पर स्थित है ?

उत्तर :

सुमित्रानंदन पंत की कविता “ग्राम श्री” में चित्रित गाँव उत्तरी भारत के गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित है। कवि ने इस गाँव की सुंदरता और शांति को शब्दों में पिरोया है।

रचना और अभिव्यक्ति

8. भाव और भाषा की दृष्टि से आपको यह कविता कैसी लगी? उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।

उत्तर :

“ग्राम श्री” में सुमित्रानंदन पंत ने सरल और प्रभावशाली भाषा का प्रयोग करते हुए ग्रामीण जीवन की सुंदरता को उकेरा है। कवि ने “मरकत डिब्बे सा खुला” जैसी सटीक उपमाओं के माध्यम से गाँव की हरियाली और विशालता को जीवंत कर दिया है। “हँसमुख हरियाली” और “हिम-आतप” जैसे शब्दों ने प्रकृति को मानवीय गुण प्रदान कर उन्हें जीवंत बनाया है। कविता में प्रयुक्त अलंकारों ने भाषा को संगीतपूर्ण और चित्रात्मक बनाया है। इस प्रकार, “ग्राम श्री” भाषा की दृष्टि से एक समृद्ध और प्रभावशाली रचना है जो पाठक को ग्रामीण जीवन की सुंदरता का अनुभव कराती है।

9. आप जहाँ रहते हैं उस इलाके के किसी मौसम विशेष के सौंदर्य को कविता या गद्य में वर्णित कीजिए ।

उत्तर :

बरसात का जादू

आकाश में बादलों का घनघोर सागर,

फूटा बरसात का जल, मन को बहलाने लगा।

हरियाली चारों ओर, पेड़ झूम उठे,

प्रकृति का सौंदर्य, मन मोह ले गया।

कण-कण में जीवन, धरती हुई नम,

बूंद-बूंद में संगीत, बज रहा प्रकृति का गान।

मिट्टी की खुशबू, हवा में घुल गई,

मन को शांति मिली, जैसे कोई स्वर्ग मिल गया।

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Dr. Upendra Kant Chaubey
Dr. Upendra Kant Chaubeyhttps://education85.com
Dr. Upendra Kant Chaubey, An exceptionally qualified educator, holds both a Master's and Ph.D. With a rich academic background, he brings extensive knowledge and expertise to the classroom, ensuring a rewarding and impactful learning experience for students.
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