कविता “शाम-एक किसान” में कवि ने शाम के समय का बहुत ही सुंदर वर्णन किया है। शाम के समय पहाड़ एक किसान की तरह बैठे हुए दिखाई देते हैं और आकाश उसके सिर पर बंधी पगड़ी की तरह लगता है। किसान दिन भर की मेहनत के बाद थककर घर लौट रहा है। वह थका हुआ है लेकिन संतुष्ट भी है। कवि ने किसान की मेहनत और संघर्ष को बहुत ही खूबसूरती से चित्रित किया है।
कविता से
1. इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है – यह एक के दृश्य रूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफ़े में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफ़ा’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर – सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।
उत्तर :
- पहाड़ और किसान: कवि ने पहाड़ों को किसान के रूप में प्रस्तुत किया है। शाम के समय पहाड़ बैठे हुए किसान की तरह लगते हैं।
- पलाश के फूल और अंगारे: कवि ने पलाश के लाल फूलों को अंगीठी के अंगारों से तुलना की है। पलाश के फूलों की लालिमा अंगारों की लालिमा से मिलती-जुलती है।
- सूरज का डूबना और किसान का घर लौटना: सूरज का डूबना किसान के घर लौटने से जुड़ा हुआ है। जैसे सूरज अस्त होता है, वैसे ही किसान दिन भर की मेहनत के बाद घर लौटता है।
2. शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए – (क) शाम कब से शुरू हुई ?
(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा ?
(ग) इस बीच आसमान में क्या-क्या परिवर्तन आए ?
उत्तर :
शाम का समय शुरू होने पर धीरे-धीरे सूरज की रोशनी कम होने लगती है। आसमान में रंगों का खेल शुरू हो जाता है। पहले आसमान पीला दिखाई देता है, फिर नारंगी और अंत में लाल हो जाता है। सूरज धीरे-धीरे डूबता जाता है और अंधेरा छा जाता है। इस दौरान तारे चमकने लगते हैं और चांद भी निकल आता है।
शाम का समय बहुत ही शांत और सुंदर होता है। लोग अपने घरों में आराम करते हैं या बाहर घूमने निकलते हैं। शाम का समय परिवार और दोस्तों के साथ बिताने का अच्छा समय होता है।
3. मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो- ‘सुनते हो’। नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए-
कबूतर तोता
कौआ
चील
मैना
हंस
उत्तर :
कबूतर: कुकू, गुटरगु
तोता: ट्वीट, ट्वीट
कौआ: कां-कां
चील: कीयूं-कीयूं
मैना: पिया-पिया
हंस: हा हा
कविता से आगे
1. इस कविता को चित्रित करने के लिए किन-किन रंगों का प्रयोग करना होगा ?
उत्तर :
लाल: सूर्यास्त के समय आसमान का रंग लाल हो जाता है। पलाश के फूलों की लालिमा भी इस रंग को दर्शाती है।
नारंगी: सूर्यास्त के समय आसमान में नारंगी रंग की चमक होती है।
पीला: सूर्यास्त से पहले आसमान पीला दिखाई देता है।
हरा: पेड़ों की पत्तियां हरी होती हैं, जो प्रकृति की ताजगी को दर्शाती हैं।
भूरा: पहाड़ों और मिट्टी का रंग भूरा होता है।
सफेद: बादल सफेद होते हैं और वे आसमान को एक अलग ही रूप देते हैं।
नीला: आसमान का रंग नीला होता है।
2. शाम के समय ये क्या करते हैं? पता लगाइए और लिखिए-
पक्षी
खिलाड़ी
फलवाले
माँ
पेड़-पौधे
पिता जी
किसान
बच्चे
उत्तर :
पक्षी: शाम होते ही पक्षी अपने घोंसलों में लौट आते हैं। वे दिन भर की चहचहाहट के बाद थोड़ा आराम करते हैं।
खिलाड़ी: खिलाड़ी शाम को अपने खेल का अभ्यास करते हैं या फिर दोस्तों के साथ मैच खेलते हैं।
फलवाले: फलवाले शाम को अपने ठेले या दुकान को बंद करते हैं और घर जाते हैं।
माँ: माँ शाम को बच्चों के लिए खाना बनाती हैं, उनके साथ खेलती हैं और उन्हें पढ़ाई करवाती हैं।
पेड़-पौधे: पेड़-पौधे शाम के समय भी अपनी जगह पर खड़े रहते हैं। वे हवा और सूरज की रोशनी लेते हैं।
पिताजी: पिताजी शाम को दफ्तर से घर आते हैं और परिवार के साथ समय बिताते हैं।
किसान: किसान शाम को खेतों से लौटकर घर आते हैं और जानवरों को चारा खिलाते हैं।
बच्चे: बच्चे शाम के समय खेलते हैं, टीवी देखते हैं, होमवर्क करते हैं या दोस्तों के साथ समय बिताते हैं।
3. हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है-
संध्या का झुटपुट-
बाँसों का झुरमुट –
है चहक रहीं चिड़ियाँ
टी-वी-टी–टुट्-टुट्
• ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए।
उत्तर :
शैली: सुमित्रानंदन पंत की कविता सरल और सहज होती है, जबकि सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविता थोड़ी जटिल और दार्शनिक होती है।
विषय-वस्तु: पंत जी प्रकृति के छोटे-छोटे दृश्यों का वर्णन करते हैं, जबकि सक्सेना जी प्रकृति और मनुष्य के बीच के संबंधों को दर्शाते हैं।
भावनाएं: पंत जी की कविता में शांति और सुंदरता की भावना अधिक होती है, जबकि सक्सेना जी की कविता में दर्शन और गहराई की भावना अधिक होती है।
अनुमान और कल्पना
शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन-किन चीज़ों की मदद लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगे ? नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए –
पेड़ों के झुनझु
बजने लगे; लुढ़कती आ रही है
सूरज की लाल गेंद ।
उठ मेरी बेटी, सुबह हो गई।
उत्तर :
- आसमान: सुबह का आसमान कैसा होता है? क्या वह नीला, गुलाबी या नारंगी रंग का होता है? क्या उसमें बादल होते हैं?
- सूर्योदय: सूर्य धीरे-धीरे उगता हुआ कैसा लगता है? उसकी किरणें कहाँ-कहाँ पड़ती हैं?
- पौधे: पौधे सुबह कैसे दिखते हैं? क्या उनकी पत्तियां ओस की बूंदों से चमक रही हैं?
- पक्षी: पक्षी किस तरह से चहचहा रहे हैं? वे कहाँ-कहाँ बैठे हैं?
- हवा: हवा किस तरह से बह रही है? क्या वह ठंडी या गर्म है?
- जानवर: आसपास के जानवर क्या कर रहे हैं? क्या वे भी सुबह की ताजी हवा का आनंद ले रहे हैं?
ओस की बूंदें मोती सी चमक रही हैं,
फूलों पर तितलियां नाच रही हैं।
चिड़िया चहचहा रही है,
सूरज की किरणें जगमगा रही हैं।
भाषा की बात
1. नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए –
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर – सी
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले – सा
(ग) पानी का परदा – सा मेरे आसपास था हिल रहा
(घ) मँडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आसपास (ङ) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा
(च) घास पर फुदकती नन्ही सी चिड़िया
• इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है?
उत्तर :
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर – सी: यहां ‘चादर’ एक संज्ञा है और ‘सी’ को जोड़कर इसे एक विशेषण बना दिया गया है। इसका मतलब है कि नदी चादर की तरह फैली हुई है।
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले – सा: यहां ‘गल्ले’ एक संज्ञा है और ‘सा’ को जोड़कर इसे एक विशेषण बना दिया गया है। इसका मतलब है कि भेड़ों का समूह गल्ले की तरह इकट्ठा हुआ है।
(ग) पानी का परदा – सा मेरे आसपास था हिल रहा: यहां ‘परदा’ एक संज्ञा है और ‘सा’ को जोड़कर इसे एक विशेषण बना दिया गया है। इसका मतलब है कि पानी एक परदे की तरह फैला हुआ है।
(घ) मँडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आसपास: यहां ‘मरियल’ एक विशेषण है और ‘सा’ को जोड़कर इसे और अधिक बल दिया गया है। इसका मतलब है कि कुत्ता बहुत ही मरियल था।
(ङ) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा: यहां ‘छोटा’ एक विशेषण है और ‘सा’ को जोड़कर इसे और अधिक बल दिया गया है। इसका मतलब है कि दिल बहुत ही छोटा है और आशा भी बहुत छोटी है।
(च) घास पर फुदकती नन्ही सी चिड़िया: यहां ‘नन्ही’ एक विशेषण है और ‘सी’ को जोड़कर इसे और अधिक बल दिया गया है। इसका मतलब है कि चिड़िया बहुत ही छोटी है।
2. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भों में करेंगे? प्रत्येक शब्द से दो-दो वाक्य बनाइए
औंधी
दहक
सिमटा
उत्तर :
औंधी
- अर्थ: उल्टी, उलटी दिशा में।
- उदाहरण:
- मैंने गलती से किताब को औंधा पकड़ लिया।
- आंधी के कारण पेड़ औंधे हो गए।
दहक
- अर्थ: तेज आग से जलना, चमकना।
- उदाहरण:
- चूल्हे में आग दहक रही है।
- गुस्से से मेरा चेहरा दहक उठा।
सिमटा
- अर्थ: सिकुड़ना, कम होना, छोटा होना।
- उदाहरण:
- सर्दी के मौसम में फूल सिमट जाते हैं।
- डर के मारे वह एक कोने में सिमटा बैठा था।