“संगतकार” कविता में मंगलेश डबराल ने संगीत के क्षेत्र में अक्सर अनदेखे रहने वाले संगतकारों की भूमिका को उजागर किया है।
कविता में बताया गया है कि मुख्य गायक की प्रस्तुति को सफल बनाने में संगतकार का अहम योगदान होता है। वह मुख्य गायक के साथ तालमेल बनाकर गाता है, उसकी आवाज़ को सहारा देता है और उसकी प्रस्तुति को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।
हालाँकि, संगतकार अक्सर मुख्य गायक की छाया में रह जाता है। उसे उतना सम्मान और पहचान नहीं मिलती जितनी कि मुख्य गायक को मिलती है। कवि इस अन्याय की ओर इशारा करते हुए संगतकार के महत्व को रेखांकित करते हैं।
कविता में संगतकार का प्रतीकात्मक अर्थ भी निहित है। संगतकार जीवन में उन सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करता है जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की सहायता करते हैं, उनके प्रयासों को सफल बनाने में योगदान देते हैं, लेकिन अक्सर अनदेखे रह जाते हैं।
कविता का मुख्य संदेश है कि समाज में हर व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो। हमें उन लोगों का सम्मान करना चाहिए जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की सहायता करते हैं और उनके प्रयासों को सराहना देनी चाहिए।
प्रश्न- अभ्यास
1. संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
उत्तर :
संगतकार के माध्यम से कवि उन सभी व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाहता है जो मुख्य भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों का समर्थन करते हुए भी अक्सर अज्ञात ही रह जाते हैं। संगीत के क्षेत्र में संगतकार मुख्य गायक की आवाज को निखारता है, खेल के क्षेत्र में खिलाड़ियों के पीछे एक पूरी टीम होती है, और कई अन्य क्षेत्रों में भी लोग मुख्य व्यक्ति की सफलता में योगदान देते हुए भी अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। कवि का उद्देश्य इन व्यक्तियों के योगदान को उजागर करना और उन्हें सम्मान देना है। संगतकार का प्रतीकवाद समाज में हर व्यक्ति के महत्व को रेखांकित करता है, भले ही उसका योगदान प्रत्यक्ष रूप से दिखाई न देता हो।
2. संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं?
उत्तर :
संगतकार के अलावा, कई क्षेत्रों में लोग मुख्य व्यक्ति की सफलता में योगदान देते हुए भी अज्ञात रह जाते हैं। जैसे खेल में खिलाड़ी के पीछे की टीम, फिल्मों में निर्देशक और कलाकारों के सहायक, राजनीति में नेताओं के सलाहकार, वैज्ञानिक अनुसंधान में शोध सहायक और कला के क्षेत्र में कलाकारों के सहायक। ये सभी लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन अक्सर मुख्य व्यक्ति ही सुर्खियों में रहता है।
3. संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?
उत्तर :
संगतकार मुख्य गायक-गायिकाओं की कई तरह से मदद करते हैं। वे सही सुर पर लाने, आवाज में मधुरता भरने, लय बनाए रखने, आत्मविश्वास बढ़ाने और गायन को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
4. भाव स्पष्ट कीजिए-
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
उत्तर :
इस पंक्ति में कवि कह रहा है कि गायक की आवाज़ में आने वाली हिचकिचाहट या संकोच कोई विफलता नहीं है, बल्कि उसकी मनुष्यता का प्रमाण है। हर इंसान कभी न कभी असुरक्षित महसूस करता है या डरता है। कवि हमें सिखाता है कि हमें दूसरों की कमजोरियों को स्वीकार करना चाहिए और उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए, न कि उनका मजाक उड़ाना चाहिए।
5. किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए
उत्तर :
किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने वाले व्यक्ति के पीछे अनेक लोगों का योगदान होता है। यह सच है कि एक फिल्म स्टार अपनी अभिनय प्रतिभा के कारण प्रसिद्ध होता है, लेकिन उसकी सफलता के पीछे निर्देशक, पटकथा लेखक, छायाकार, संगीतकार, कलाकार और प्रोड्यूसर जैसे कई लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी प्रकार, खेल में एक खिलाड़ी की सफलता में उसके कोच, टीम के सदस्य, फिजियोथेरेपिस्ट आदि का महत्वपूर्ण योगदान होता है। राजनीति में एक नेता की सफलता में उसके सलाहकार, पार्टी कार्यकर्ता और समर्थकों का योगदान होता है। वैज्ञानिक अनुसंधान में भी एक वैज्ञानिक की खोज में कई शोधकर्ता, तकनीशियन और अन्य वैज्ञानिकों का योगदान होता है। इसलिए, यह कहना गलत होगा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने वाले व्यक्ति की सफलता सिर्फ उसके अपने प्रयासों का परिणाम होती है। उसकी सफलता में कई लोगों का योगदान होता है। हमें उन सभी लोगों का सम्मान करना चाहिए जो पर्दे के पीछे रहकर दूसरों की सफलता में योगदान देते हैं।
6. कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नज़र आता है उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर :
संगतकार की भूमिका केवल गायक की आवाज को निखारने तक ही सीमित नहीं है। वे गायक को भावनात्मक रूप से भी सहयोग करते हैं और उन्हें एक अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करते हैं। संगतकार के बिना एक गायक का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं होगा जितना कि संगतकार के साथ होता है।
7. सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है तब उसे सहयोगी किस तरह सँभालते हैं?
उत्तर :
जब कोई व्यक्ति सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान लड़खड़ाता है, तो उसके सहयोगी उसे कई तरह से संभालते हैं। सबसे पहले, वे उसे प्रोत्साहित करते हैं और उसका मनोबल बढ़ाते हैं। वे उसे सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद करते हैं। सहयोगी व्यक्ति को धैर्य रखने के लिए प्रेरित करते हैं और उसे बताते हैं कि सफलता पाने के लिए समय लगता है। वे एक सकारात्मक माहौल बनाते हैं ताकि व्यक्ति निराश न हो। इस प्रकार, सहयोगी व्यक्ति की भूमिका किसी भी सफलता की कहानी में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वे व्यक्ति को संभालते हैं, उसे प्रेरित करते हैं और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
रचना और अभिव्यक्ति
8. कल्पना कीजिए कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन आपके सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाएँ-
(क) ऐसे में अपनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
(ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे?
उत्तर :
(क) ऐसी स्थिति का वर्णन:
यह स्थिति किसी भी कलाकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकती है। एक तरफ तो मंच पर प्रस्तुति देने की जिम्मेदारी है, दूसरी तरफ सहयोगी कलाकार का न होना एक बड़ा झटका हो सकता है। इस स्थिति में कलाकार को अकेले ही पूरी प्रस्तुति को संभालना होगा, जिससे वह मानसिक रूप से दबाव महसूस कर सकता है।
- आत्मविश्वास में कमी: सहयोगी कलाकार के न होने से कलाकार का आत्मविश्वास कम हो सकता है।
- चिंता और तनाव: प्रस्तुति को सफल बनाने की चिंता और तनाव बढ़ सकता है।
- योजनाओं में बदलाव: पहले से बनाई गई योजनाओं में बदलाव करना पड़ सकता है।
- दर्शकों की उम्मीदें: दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव बढ़ जाता है।
(ख) ऐसी परिस्थिति का सामना कैसे करेंगे:
ऐसी स्थिति में कलाकार को धैर्य और शांत रहना बहुत जरूरी है। वह निम्नलिखित तरीकों से इस स्थिति का सामना कर सकता है:
- शांत रहें: सबसे पहले कलाकार को शांत रहना चाहिए और घबराना नहीं चाहिए।
- नई योजना बनाएं: सहयोगी कलाकार के न होने की स्थिति में कलाकार को अपनी प्रस्तुति को फिर से व्यवस्थित करना होगा।
- सकारात्मक सोच: कलाकार को सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और खुद पर विश्वास करना चाहिए।
- दर्शकों से जुड़ें: कलाकार को दर्शकों से जुड़ने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए।
- लचीले रहें: कलाकार को स्थिति के अनुसार खुद को ढालना होगा और लचीला होना होगा।
- सहायता लें: यदि आवश्यक हो तो कलाकार को अन्य कलाकारों या तकनीकी कर्मचारियों से मदद लेनी चाहिए।
9. आपके विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों की भूमिका पर एक अनुच्छेद लिखिए ।
उत्तर :
किसी भी सांस्कृतिक समारोह की सफलता के पीछे मंच पर प्रदर्शन करने वाले कलाकारों के साथ-साथ मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। ये सहयोगी मंच की सजावट, प्रकाश व्यवस्था, ध्वनि व्यवस्था और अन्य तकनीकी तैयारियों में मदद करते हैं। वे कलाकारों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराते हैं और मंच पर सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है यह सुनिश्चित करते हैं। समारोह के बाद, वे मंच को साफ करते हैं और सभी उपकरणों को वापस रखते हैं। इन सहयोगियों के बिना, कोई भी सांस्कृतिक समारोह सफल नहीं हो सकता। वे कलाकारों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर देते हैं। इसलिए, हमें इन लोगों के योगदान को हमेशा याद रखना चाहिए और उनकी प्रशंसा करनी चाहिए।
10. किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुँच पाते होंगे?
उत्तर :
संगतकार प्रतिभाशाली होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर नहीं पहुँच पाते हैं, इसके कई कारण हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि संगतकारों में एक अलग तरह की प्रतिभा होती है। वे दूसरों को निखारने में माहिर होते हैं, लेकिन खुद को केंद्र में रखकर प्रदर्शन करने में कम आत्मविश्वास महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा, मुख्य कलाकार हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, जबकि संगतकार अक्सर पर्दे के पीछे रह जाते हैं। उन्हें उतना ध्यान और प्रशंसा नहीं मिलती जितनी कि मुख्य कलाकार को मिलती है। समाज में भी अक्सर मुख्य कलाकार को ही महत्व दिया जाता है। संगतकारों के लिए मुख्य कलाकार बनने के अवसर कम होते हैं और उन्हें उतने मंच नहीं मिलते जितने कि मुख्य कलाकारों को मिलते हैं। प्रतिस्पर्धा और आर्थिक कारण भी संगतकारों के लिए चुनौतियां बन सकते हैं। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि हर प्रतिभाशाली व्यक्ति ही मुख्य कलाकार बने। कई लोग दूसरों की सफलता में योगदान देना पसंद करते हैं। हमें सभी लोगों के योगदान को महत्व देना चाहिए, चाहे वे मुख्य भूमिका में हों या सहायक भूमिका में।
पाठेतर सक्रियता
आप फ़िल्में तो देखते ही होंगे। अपनी पसंद की किसी एक फ़िल्म के आधार पर लिखिए कि उस फ़िल्म की सफलता में अभिनय करने वाले कलाकारों के अतिरिक्त और किन-किन लोगों का योगदान रहा।
उत्तर :
मैं फ़िल्में देखता हूँ। एक फ़िल्म जो मुझे बहुत पसंद है, वह है “शोले”। इस फ़िल्म की सफलता में अभिनेताओं के अलावा कई अन्य लोगों का भी बहुत बड़ा योगदान रहा।
शोले की सफलता में अभिनेताओं के अलावा जिन लोगों का योगदान रहा, वे हैं:
- निर्देशक: रामगोपाल वर्मा ने इस फ़िल्म को एक अद्भुत ढंग से निर्देशित किया। उन्होंने फिल्म के हर दृश्य को बड़ी बारीकी से बनाया और कलाकारों से बेहतरीन अभिनय करवाया।
- पटकथा लेखक: सलीम-जावेद ने इस फ़िल्म की कहानी लिखी, जो भारतीय सिनेमा की सबसे यादगार कहानियों में से एक है। उनकी पटकथा ने फिल्म को एक अनोखा रूप दिया।
- संगीतकार: आर. डी. बर्मन ने इस फ़िल्म के लिए अद्भुत संगीत दिया। उनके गीतों ने फिल्म को और अधिक लोकप्रिय बनाया।
- छायाकार: वी. राघवेंद्र राव ने इस फ़िल्म की शूटिंग की। उन्होंने फिल्म को एक खूबसूरत दृश्य दिया।
- कलाकार: फिल्म के सेट को सजाने और फिल्म के दृश्यों को बनाने में कलाकारों का बहुत बड़ा योगदान होता है।
- संपादक: फिल्म के संपादक ने फिल्म को एक सुव्यवस्थित रूप दिया।
- ध्वनि अभियंता: ध्वनि अभियंता ने फिल्म की ध्वनि को बेहतर बनाया।
- प्रोड्यूसर: प्रोड्यूसर ने फिल्म के निर्माण के लिए धन जुटाया और सभी कामों का समन्वय किया।
आपके विद्यालय में किसी प्रसिद्ध गायिका की गीत प्रस्तुति का आयोजन है-
(क) इस संबंध पर सूचना पट्ट के लिए एक नोटिस तैयार कीजिए ।
(ख) गायिका व उसके संगतकारों का परिचय देने के लिए आलेख (स्क्रिप्ट) तैयार कीजिए ।
उत्तर :
(क)
प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर की प्रस्तुति
सावित्रीबाई फुलेविद्यालय में आप सभी का स्वागत है।
हम आपको सूचित करते हुए बेहद खुश हैं कि 14/8/2004] को 3.00 पर हमारे विद्यालय में प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर की प्रस्तुति होगी।
लता मंगेशकर भारतीय संगीत की रत्न हैं। उन्होंने अपने मधुर स्वर से लाखों दिलों को मोहा है। उनके गीतों ने भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाईयां दी हैं।
यह एक सुनहरा अवसर है जब हम सभी लता मंगेशकर के मधुर गीतों का आनंद ले सकते हैं।
स्थान: विद्यालय का ऑडिटोरियम/सभागार
समय: दोपहर 3:00 बजे
प्रवेश निःशुल्क
सभी अभिभावकों और छात्रों को इस कार्यक्रम में आने का निमंत्रण है।
सावित्रीबाई फुले विद्यालय
9/8/2004
(ख)
आदरणीय अतिथियों, शिक्षकों और मेरे प्यारे साथियों,
आज हम सभी एक बहुत ही खास अवसर पर एकत्र हुए हैं। आज हमारी विद्यालय में प्रसिद्ध गायिका श्रीमती लता मंगेशकर की प्रस्तुति है। श्रीमती लता मंगेशकर ने अपने मधुर स्वर से लाखों दिलों को मोहा है। उन्होंने कई हिट गाने दिए हैं, जिनमें “ऐ मेरे वतन के लोगों” और “लग जा गले के फिर से” शामिल हैं, और भारतीय संगीत जगत में एक खास पहचान बनाई है।
आज हम उनके मधुर गीतों का आनंद लेने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। लेकिन आज के इस कार्यक्रम में केवल श्रीमती लता मंगेशकर ही नहीं, बल्कि उनके साथ एक पूरी टीम भी है, जो उनके प्रदर्शन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सबसे पहले मैं श्री/श्रीमान संगीत निर्देशकका परिचय देना चाहूंगा। श्री/श्रीमान संगीत निर्देशक एक प्रतिभाशाली संगीतकार हैं, जिन्होंने श्रीमती लता मंगेशकर के कई गीतों को संगीत दिया है। उनकी संगीत की रचनाएँ हमेशा लोगों को मोहित करती हैं।
इसके अलावा, हमारे साथ श्री/श्रीमान पहले संगतकार और श्रीमती/सुश्री दूसरे संगतकार भी मौजूद हैं, जो श्रीमती लता मंगेशकर को संगीत में साथ देते हैं। वे सभी मिलकर एक अद्भुत संगीत का अनुभव प्रदान करते हैं।
आइए हम सभी मिलकर श्रीमती लता मंगेशकर और उनकी टीम का स्वागत करें।
धन्यवाद।