NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 11
“मैं सबसे छोटी होना चाहती हूँ”: वह हमेशा अपने परिवार में सबसे छोटी रहना चाहती है, क्योंकि उसे लगता है कि इससे उसे सबसे ज्यादा प्यार और स्नेह मिलेगा। वह अपनी माँ की गोद में सोने का आनंद लेना चाहती है, क्योंकि यह उसके लिए सुरक्षा और प्यार का प्रतीक है। उसे लगता है कि अपने भाई-बहनों से डरा कर उन्हें उसे अधिक समझने और प्यार करने का अवसर मिलेगा। वह चाहती है कि वह बिना किसी चिंता के खेलें, गाएं और मस्ती करें, क्योंकि यह सभी बच्चों की स्वाभाविक इच्छा है। वह चाहती है कि वह प्राप्त करे जो वह चाहती है, जो छोटे बच्चों की निर्भरता और इच्छाओं की पूर्ति की अपेक्षा को दर्शाता है।
कविता में लड़की और उसकी माँ के बीच बातचीत का वर्णन किया गया है:
“आँखों में हँसी छिपाकर, माँ पूछती है मुझसे”: माँ स्नेहपूर्वक लड़की की इच्छा के बारे में पूछती है।
“क्यों सबसे छोटी होना चाहती हो?”:
“बड़ी होकर जीवन का सुख दुख तो जानोगी”: माँ बताती है कि बड़े होने के फायदेमंद होते हैं, जैसे जीवन के विभिन्न अनुभवों को सीखना।
गलति लड़की अपनी इच्छा पर दृढ़ रहती है:
“बोली मैं हँसकर, नहीं माँ, बड़ी नहीं होना चाहती”: वह बड़े होने और उसकी जिम्मेदारियों को नहीं लेना चाहती।
“छोटी ही रहोगी तू हमेशा, मेरे प्यार की परी”: माँ उसे आश्वासन देती है कि वह हमेशा उसका प्यार और देखभाल करेगी, चाहे वह कितनी भी बड़ी हो जाए।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 11
प्रश्न 1. कविता से
1. कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना क्यों की गई है?
उत्तर : 1. लाड़–प्यार और स्नेह: छोटे बच्चों को परिवार में अक्सर सबसे ज्यादा लाड़-प्यार और स्नेह मिलता है। वे अपने बड़ों से अधिक ध्यान और देखभाल प्राप्त करते हैं। इस कविता में, लड़की भी यही चाहती है।
2. निर्भरता: छोटे बच्चे अपने बड़ों पर निर्भर रहते हैं। उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर भरोसा करना पड़ता है। इस कविता में, लड़की भी अपनी मां पर निर्भर रहना चाहती है और उसकी गोद में सोना चाहती है।
3. सुरक्षा: छोटे बच्चे अपने बड़ों की सुरक्षा में रहते हैं। उन्हें किसी भी चीज की चिंता या डर नहीं होता है। इस कविता में, लड़की भी अपनी मां की सुरक्षा में रहना चाहती है और बिना किसी चिंता के खेलना और गाना चाहती है।
4. बचपन का आनंद: बचपन जीवन का सबसे अनमोल समय होता है। इस समय में, बच्चे बिना किसी जिम्मेदारी के खेलते हैं, गाते हैं और मस्ती करते हैं। इस कविता में, लड़की भी बचपन का आनंद लेना चाहती है और बड़ी होने की जिम्मेदारियों से दूर रहना चाहती है।
5. मासूमियत: छोटे बच्चे अपनी मासूमियत के लिए जाने जाते हैं। वे दुनिया को एक अलग नजरिए से देखते हैं। इस कविता में, लड़की भी अपनी मासूमियत को बनाए रखना चाहती है और दुनिया की जटिलताओं से दूर रहना चाहती है।
2. कविता में ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं‘ क्यों कहा गया है? क्या तुम भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करोगे?
उत्तर : बचपन में:
बच्चे लाड़-प्यार और स्नेह प्राप्त करते हैं।अपनी मां की गोद में सोते हैं।बिना किसी चिंता के खेलते हैं, गाते हैं और मस्ती करते हैं।बड़ों पर निर्भर रहते हैं।अपनी मासूमियत को बनाए रखते हैं।बड़ी होने के साथ, ये सभी चीजें बदल जाती हैं।
बड़े होने पर:
लोग जिम्मेदारियां लेते हैं।चिंताओं का सामना करते हैं।अपनी मासूमियत खो देते हैं।
इसलिए, लड़की ‘ऐसी बड़ी न होऊँ मैं’ कहती है। वह अपनी मासूमियत को बनाए रखना चाहती है और बचपन का आनंद लेना चाहती है।
क्या तुम भी हमेशा छोटे बने रहना पसंद करोगे?
यह एक बहुत ही दिलचस्प सवाल है।बच्चे अपनी मां की गोद में सोते हैं और उनका लाड़-प्यार पाते हैं।बड़ों पर निर्भर रहते हैं और अपनी मासूमियत को बनाए रखते हैं।लेकिन, बड़े होने के भी फायदे हैं:हम स्वतंत्र होते हैं और अपनी पसंद के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।नए अनुभव प्राप्त कर सकते हैं और दुनिया को सीख सकते हैं।अपने सपनों को पूरा करने के लिए काम कर सकते हैं।
3. आशय स्पष्ट करो-
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात !
उत्तर : इस पंक्ति का अर्थ है:
- हाथ पकड़: बचपन में, कवयित्री अपनी मां का हाथ पकड़कर चलती थी। यह उनके बीच घनिष्ठ संबंध का प्रतीक है।
- फिर सदा: यह शब्द दर्शाता है कि कवयित्री चाहती थी कि यह रिश्ता हमेशा के लिए रहे।
- हमारे साथ: यह शब्द दर्शाता है कि कवयित्री अपनी मां के साथ एक अटूट बंधन महसूस करती थी।
- नहीं फिरती दिन–रात: यह शब्द दर्शाता है कि अब कवयित्री बड़ी हो गई है और अपनी मां के साथ उतना समय नहीं बिता पाती है।
इस पंक्ति में कवयित्री:
- अपनी मां के लिए अपने प्यार और स्नेह को व्यक्त कर रही है।
- बचपन के खोए हुए दिनों को याद कर रही है।
- अपनी मां के साथ अपने वर्तमान संबंध पर दुःख व्यक्त कर रही है।
यह पंक्ति हमें याद दिलाती है:
- माँ-बच्चे का रिश्ता दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता होता है।
- हमें अपने माता-पिता का सम्मान और प्यार करना चाहिए।
- समय के साथ रिश्ते बदलते हैं, लेकिन प्यार हमेशा बना रहता है।
4. अपने छुटपन में बच्चे अपनी माँ के बहुत करीब होते हैं। इस कविता में नज़दीकी की कौन–कौन सी स्थितियाँ बताई गई हैं?
उत्तर : “मैं सबसे छोटी होऊँ” कविता में, कवयित्री ने माँ-बच्चे के बीच नज़दीकी की कई स्थितियों का वर्णन किया है।
यहाँ कुछ प्रमुख स्थितियाँ हैं:
- माँ का लाड़–प्यार:
- “माँ की गोद में सोना”
- “माँ का आँचल पकड़कर चलना”
- “माँ के हाथों से खाना खाना”
- “माँ द्वारा सजाना-संवारना”
- माँ का स्नेह और सुरक्षा:
- “माँ का प्यार और स्नेह”
- “माँ की गोद में सुरक्षा का अनुभव”
- “माँ का डर दूर करना”
- “माँ का साथ और सहारा”
- माँ का ख्याल और देखभाल:
- “माँ द्वारा बच्चे को नहलाना”
- “माँ द्वारा बच्चे को खिलाना”
- “माँ द्वारा बच्चे की देखभाल करना”
- माँ का मार्गदर्शन और शिक्षा:
- “माँ द्वारा बच्चे को सही-गलत सिखाना”
- “माँ द्वारा बच्चे को संस्कार देना”
- “माँ द्वारा बच्चे को जीवन के बारे में सिखाना”
- “माँ द्वारा बच्चे को प्रेरित करना”
प्रश्न 2 कविता से आगे
1. तुम्हारी माँ तुम लोगों के लिए क्या-क्या काम करती है?
उत्तर : मेरी माँ मेरे लिए बहुत कुछ करती हैं। वे मेरे लिए खाना बनाती हैं, मेरे कपड़े धोती हैं, और मेरा कमरा साफ करती हैं। वे मुझे स्कूल ले जाती हैं और मेरे साथ खेलती हैं। वे मुझे अपनी पढ़ाई में मदद करती हैं और मुझे सही-गलत सिखाती हैं। वे मेरे लिए हमेशा मौजूद रहती हैं और मेरा ख्याल रखती हैं।
यहाँ कुछ विशिष्ट उदाहरण दिए गए हैं:
- खाना बनाना: मेरी माँ हर दिन हमारे लिए स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन बनाती हैं। वे हमारी पसंद और नापसंद का ध्यान रखती हैं और हमेशा कुछ नया बनाने की कोशिश करती हैं।
- कपड़े धोना: मेरी माँ हमारे सभी कपड़े धोती हैं, चाहे वे गंदे हों या सिर्फ ताज़ा हों। वे यह सुनिश्चित करती हैं कि हमारे पास हमेशा पहनने के लिए साफ कपड़े हों।
- कमरा साफ करना: मेरी माँ मेरा कमरा साफ करती हैं और मेरा बिस्तर बनाती हैं। वे यह सुनिश्चित करती हैं कि मेरा कमरा रहने के लिए एक सुखद जगह हो।
- स्कूल ले जाना: मेरी माँ मुझे हर दिन स्कूल ले जाती हैं और मुझे वापस लाती हैं। वे यह सुनिश्चित करती हैं कि मैं हमेशा समय पर स्कूल पहुँचूँ।
- खेलना: मेरी माँ मेरे साथ खेलती हैं और मुझे मज़े करने में मदद करती हैं। वे मुझे नए खेल सिखाती हैं और मेरे साथ कहानियाँ पढ़ती हैं।
- पढ़ाई में मदद: मेरी माँ मुझे अपनी पढ़ाई में मदद करती हैं और मुझे अपना होमवर्क करने में मदद करती हैं। वे यह सुनिश्चित करती हैं कि मैं अपनी पढ़ाई में अच्छा करूँ।
- सही–गलत सिखाना: मेरी माँ मुझे सही-गलत सिखाती हैं और मुझे एक अच्छा इंसान बनने में मदद करती हैं। वे मुझे जीवन के बारे में महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं।
- हमेशा मौजूद रहना: मेरी माँ हमेशा मेरे लिए मौजूद रहती हैं, चाहे कुछ भी हो। वे मुझे प्यार और समर्थन देती हैं और मुझे यह महसूस कराती हैं कि मैं उन पर भरोसा कर सकता हूँ।
2. यह क्यों कहा गया है कि बड़ा बनाकर माँ बच्चे को छलती है ?
उत्तर : “बड़ा बनाकर माँ बच्चे को छलती है” यह पंक्ति “मैं सबसे छोटी होऊँ” कविता से है। यह पंक्ति दर्शाती है कि बच्चे जब बड़े होते हैं, तो वे अपनी माँ के साथ उतना समय नहीं बिता पाते हैं जितना वे बचपन में बिताते थे।
बड़ा होने पर:
- बच्चे स्कूल और फिर काम में व्यस्त हो जाते हैं।
- वे अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं।
- वे अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का आनंद लेते हैं।
इसके परिणामस्वरूप:
- बच्चे अपनी माँ के साथ कम समय बिताते हैं।
- वे अपनी माँ के साथ उतना करीब नहीं रहते हैं जितना वे बचपन में थे।
- वे अपनी माँ के प्यार और स्नेह को उतना महसूस नहीं करते हैं जितना वे बचपन में करते थे।
इसलिए, यह कहा जाता है कि बड़ा बनाकर माँ बच्चे को छलती है।
लेकिन, यह सच नहीं है कि माँ अपने बच्चों को छलती हैं।
- वे अपने बच्चों को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनने में मदद करती हैं।
- वे अपने बच्चों को प्यार और स्नेह देती हैं, चाहे वे कितने भी बड़े क्यों न हों।
3. उन क्रियाओं को गिनाओ जो इस कविता में माँ अपनी छोटी बच्ची या बच्चे के लिए करती है।
उत्तर :
“मैं सबसे छोटी होऊँ” कविता में माँ अपनी छोटी बच्ची या बच्चे के लिए निम्नलिखित क्रियाएं करती हैं:
- गोद में सुलाना: माँ अपनी बच्ची को अपनी गोद में लेकर सुलाती है। यह बच्चे को सुरक्षा और प्यार का अनुभव कराता है।
- हाथ पकड़कर चलना: माँ अपनी बच्ची का हाथ पकड़कर चलती है। यह बच्चे को सुरक्षा और मार्गदर्शन देता है।
- खाना खिलाना: माँ अपनी बच्ची को अपने हाथों से खाना खिलाती है। यह बच्चे को प्यार और देखभाल का अनुभव कराता है।
- नहलाना–धुलाना: माँ अपनी बच्ची को नहलाती-धुलाती है। यह बच्चे को स्वच्छ और स्वस्थ रखता है।
- सजाना–संवारना: माँ अपनी बच्ची को सुंदर कपड़े पहनाकर सजाती-संवारती है। यह बच्चे को आत्मविश्वास और खुशी देता है।
- खिलौने देना: माँ अपनी बच्ची को खिलौने देती है। यह बच्चे को मनोरंजन और शिक्षा देता है।
- स्कूल भेजना: माँ अपनी बच्ची को स्कूल भेजती है। यह बच्चे को शिक्षा और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।
- परियों की कहानियाँ सुनाना: माँ अपनी बच्ची को परियों की कहानियाँ सुनाती है। यह बच्चे को कल्पनाशीलता और रचनात्मकता विकसित करने में मदद करता है।
- अच्छी–अच्छी बातें सिखाना: माँ अपनी बच्ची को अच्छी-अच्छी बातें सिखाती है। यह बच्चे को नैतिकता और मूल्यों को विकसित करने में मदद करता है।
- प्यार और स्नेह देना: माँ अपनी बच्ची को प्यार और स्नेह देती है। यह बच्चे को सुरक्षित और खुश महसूस कराता है।
इसके अलावा, माँ अपनी बच्ची के लिए निम्नलिखित भी करती है:
- उसकी देखभाल करना: माँ अपनी बच्ची की देखभाल करती है जब वह बीमार होती है।
- उसका ख्याल रखना: माँ अपनी बच्ची का ख्याल रखती है जब वह अकेली होती है।
- उसका समर्थन करना: माँ अपनी बच्ची का समर्थन करती है जब उसे इसकी आवश्यकता होती है।
प्रश्न 3 अनुमान और कल्पना
1. इस कविता के अंत में कवि माँ से चंद्रोदय दिखा देने की बात क्यों कर रहा है? चाँद के उदित होने की कल्पना करो और अपनी कक्षा में बताओ।
उत्तर : इसके कई कारण हो सकते हैं:
- बचपन में चाँद के प्रति आकर्षण: बच्चे चाँद के प्रति स्वाभाविक रूप से आकर्षित होते हैं। उसकी चमक और सुंदरता उन्हें मंत्रमुग्ध कर देती है।
- माँ के साथ समय बिताना: कवि अपनी माँ के साथ समय बिताना चाहता है। चंद्रोदय देखना एक ऐसा अवसर है जब वे दोनों एक साथ बैठकर प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
- सुरक्षा और प्यार का अनुभव: माँ के साथ चंद्रोदय देखना कवि को सुरक्षा और प्यार का अनुभव कराता है।
- कल्पनाशीलता और रचनात्मकता: चंद्रोदय कवि की कल्पनाशीलता और रचनात्मकता को प्रेरित कर सकता है।
- जीवन के रहस्यों का चिंतन: चंद्रोदय कवि को जीवन के रहस्यों पर चिंतन करने का अवसर प्रदान कर सकता है।
चाँद के उदित होने की कल्पना:
- शाम का समय: सूरज डूब चुका है और आकाश में लाल, नारंगी और पीले रंगों का मिश्रण दिख रहा है।
- हवा में ठंडक: हवा में एक सुखद ठंडक है और पक्षी अपने घोंसलों में लौट रहे हैं।
- चाँद का उदय: धीरे-धीरे, चाँद क्षितिज के ऊपर दिखाई देने लगता है। वह पहले छोटा और नारंगी रंग का दिखता है, लेकिन धीरे-धीरे बड़ा और चमकदार होता जाता है।
- चाँदनी: चाँद की चांदनी चारों ओर फैल जाती है और सब कुछ चाँदी जैसा चमकने लगता है।
- तारे: चाँद के साथ-साथ तारे भी दिखाई देने लगते हैं।
- मनोरम दृश्य: यह एक बहुत ही मनोरम दृश्य होता है जो मन को शांत और प्रसन्न कर देता है।
2. इस कविता को पढ़ने के बाद एक बच्ची और उसकी माँ का चित्र तुम्हारे मन में उभरता है। वह बच्ची और क्या–क्या कहती होगी? क्या – क्या करती होगी? कल्पना करके एक कहानी बनाओ।
उत्तर : एक बच्ची और उसकी माँ:
- बच्ची: 8 साल की रिया, चंचल, जिज्ञासु और अपनी माँ से बहुत प्यार करने वाली।
- माँ: 35 साल की रीमा, स्नेही, धैर्यवान और अपनी बेटी की हर इच्छा पूरी करने वाली।
बच्ची क्या कहती होगी:
- “माँ, मैं हमेशा तुम्हारी गोद में सोना चाहती हूँ।”
- “माँ, तुम हमेशा मेरे साथ रहना, कभी मत जाना।”
- “माँ, मुझे परियों की कहानियाँ सुनाओ।”
- “माँ, मुझे चाँद दिखाओ।”
- “माँ, मैं बड़ी होकर तुम्हारी तरह बनना चाहती हूँ।”
बच्ची क्या करती होगी:
- माँ की गोद में सोना।
- माँ का हाथ पकड़कर चलना।
- माँ के साथ खेलना।
- माँ की कहानियाँ सुनना।
- माँ की मदद करना।
कहानी:
रिया अपनी माँ रीमा के साथ घर में बैठी थी। रीमा रिया को परियों की कहानी सुना रही थी। रिया कहानी सुनकर बहुत खुश हो रही थी। कहानी सुनने के बाद, रिया ने कहा, “माँ, मैं हमेशा तुम्हारी गोद में सोना चाहती हूँ।” रीमा ने रिया को अपनी गोद में ले लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी। रिया ने रीमा से कहा, “माँ, तुम हमेशा मेरे साथ रहना, कभी मत जाना।” रीमा ने कहा, “बेटा, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगी।”
रिया ने रीमा से कहा, “माँ, मुझे चाँद दिखाओ।” रीमा रिया को लेकर बाहर बालकनी में गई। रीमा ने रिया को चाँद दिखाया। रिया चाँद को देखकर बहुत खुश हो गई। रिया ने कहा, “माँ, चाँद कितना सुंदर है!” रीमा ने कहा, “हाँ बेटा, चाँद बहुत सुंदर है।”
रिया ने रीमा से कहा, “माँ, मैं बड़ी होकर तुम्हारी तरह बनना चाहती हूँ।” रीमा ने कहा, “बेटा, तुम जरूर मेरी तरह बनोगी।”
रिया और रीमा दोनों बहुत खुश थे। रीमा रिया को बहुत प्यार करती थी और रिया भी अपनी माँ से बहुत प्यार करती थी।
यह कहानी “मैं सबसे छोटी होऊँ” कविता से प्रेरित है। यह कहानी एक बच्ची और उसकी माँ के बीच प्यार और स्नेह को दर्शाती है।
3. माँ अपना एक दिन कैसे गुज़ारती है? कुछ मौकों पर उसकी दिनचर्या बदल जाया करती है जैसे–मेहमानों के आ जाने पर, घर में किसी के बीमार पड़ जाने पर या त्योहार के दिन। इन अवसरों पर माँ की दिनचर्या पर क्या फ़र्क पड़ता है? सोचो और लिखो ।
उत्तर : क सामान्य दिन:
- सुबह: माँ जल्दी उठती है, घर की सफाई करती है, नाश्ता बनाती है और परिवार के सभी सदस्यों को नाश्ता खिलाती है।
- दोपहर: बच्चों को स्कूल भेजने के बाद, माँ घर के कामों में व्यस्त हो जाती है। वह कपड़े धोती है, घर की सफाई करती है, खाना बनाती है और बच्चों के आने का इंतजार करती है।
- शाम: बच्चों के स्कूल से आने के बाद, माँ उन्हें खाना खिलाती है, उनकी पढ़ाई में मदद करती है और उन्हें खेलने के लिए भेजती है।
- रात: माँ रात का खाना बनाती है, परिवार के साथ खाना खाती है और बच्चों को सुलाती है।
विशेष अवसरों पर बदलाव:
- मेहमानों के आने पर: माँ घर की सफाई, खाना बनाने और मेहमानों की देखभाल में व्यस्त हो जाती है।
- घर में किसी के बीमार पड़ जाने पर: माँ बीमार व्यक्ति की देखभाल करती है, उन्हें दवा देती है और उनके लिए खाना बनाती है।
- त्योहार के दिन: माँ त्योहार की तैयारी में व्यस्त हो जाती है। वह घर की सफाई करती है, विशेष व्यंजन बनाती है और त्योहार मनाने के लिए परिवार के साथ समय बिताती है।
इन अवसरों पर माँ की दिनचर्या पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है:
- वह अधिक व्यस्त हो जाती है।
- उसके पास अपने लिए कम समय होता है।
- उसे अधिक ऊर्जा और धैर्य की आवश्यकता होती है।
लेकिन, माँ अपने परिवार के लिए खुशी–खुशी यह सब करती है।
यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- मेहमानों के आने पर: माँ स्वादिष्ट व्यंजन बनाती है और मेहमानों की आवभगत करती है। वह यह सुनिश्चित करती है कि सभी मेहमान सहज और खुश हों।
- घर में किसी के बीमार पड़ जाने पर: माँ बीमार व्यक्ति की देखभाल करती है। वह उन्हें दवा देती है, उनके लिए पौष्टिक भोजन बनाती है और उन्हें आराम करने में मदद करती है।
- त्योहार के दिन: माँ त्योहार की तैयारी में व्यस्त हो जाती है। वह घर की सफाई करती है, विशेष व्यंजन बनाती है और त्योहार मनाने के लिए परिवार के साथ समय बिताती है।
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 11
FAQ’s
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Class 6 hindi chapter 11 मैं सबसे छोटी होऊँ पाठ का मुख्य विषय है छोटी बच्ची की अपने परिवार में महत्व और स्वाभिमान।
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Class 6 hindi chapter 11 मैं सबसे छोटी होऊँ पाठ का संदेश है कि हर व्यक्ति का स्वाभिमान और महत्व होता है, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो।
Class 6 hindi chapter 11 मैं सबसे छोटी होऊँ पाठ में कौन-कौन से विषयों पर चर्चा की गई है?
Class 6 hindi chapter 11 पाठ में बच्ची के द्वारा उसके साहस, सामर्थ्य, और संवेदनशीलता पर चर्चा की गई है।
Class 6 hindi chapter 11 मैं सबसे छोटी होऊँ पाठ में छिपे किसी अन्य विषय पर चर्चा हुई है?
हाँ,Class 6 hindi chapter 11 इस पाठ में छोटी बच्ची के साथ उसके अद्वितीय संबंध और विचारों के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा हुई है।
Class 6 hindi chapter 11 मैं सबसे छोटी होऊँ पाठ से क्या सीख सकता हूँ?
Class 6 hindi chapter 11 इस पाठ से आप स्वाभिमान, साहस, और सहानुभूति के महत्व को समझ सकते हैं, जो आपके जीवन में उत्कृष्टता लाने में मदद कर सकते हैं।