सुदामा चरित

0
195
Class 8 Hindi Chapter 8
Explore Class 8 Hindi Chapter 8 "सुदामा चरित" with easy NCERT answers, important questions, and full summary for exam preparation.

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8

“सुदामा चरित class 8” नरोत्तमदास की एक दिल छू लेने वाली कविता है जो भगवान कृष्ण और उनके बचपन के दोस्त सुदामा की गहरी दोस्ती को दिखाती है। यह कविता बताती है कि सच्ची दोस्ती पैसे या पद से कहीं बढ़कर होती है।

कविता सुदामा की गरीबी से शुरू होती है, जहाँ वह अपने परिवार के साथ बड़ी मुश्किल से गुजर-बसर कर रहे होते हैं। उनकी पत्नी उन्हें अपने बचपन के दोस्त, द्वारका के राजा कृष्ण से मदद मांगने के लिए कहती हैं। सुदामा पहले तो झिझकते हैं, पर पत्नी के बार-बार कहने पर वह कृष्ण से मिलने द्वारका जाते हैं। उनके पास कृष्ण को देने के लिए सिर्फ़ कुछ मुट्ठी भर चिउड़े होते हैं, जिसे वह अपनी फटी धोती के कोने में छिपाकर ले जाते हैं।

द्वारका पहुँचने पर, जब द्वारपाल कृष्ण को सुदामा की बुरी हालत और उनके नाम के बारे में बताता है, तो कृष्ण तुरंत अपना राज-पाट छोड़ कर नंगे पैर उनसे मिलने दौड़ पड़ते हैं। कृष्ण अपने बचपन के दोस्त को देखकर बहुत भावुक हो जाते हैं। वह सुदामा को गले लगाते हैं और उनकी काँटों से भरी, फटी हुई एड़ियाँ देखकर बहुत दुखी होते हैं। कृष्ण सुदामा के पैर धोने के लिए पानी मंगवाते हैं, लेकिन उनकी आँखों से इतने आँसू बहते हैं कि उन्हीं आँसुओं से सुदामा के पैर धुल जाते हैं, और पानी बिना छुए ही रह जाता है।

कृष्ण सुदामा को बचपन की बातें याद दिलाते हैं, खासकर वह बात जब गुरुमाता द्वारा दिए गए चने सुदामा अकेले ही खा गए थे। कृष्ण सुदामा की छिपाई हुई चिउड़े की पोटली भी निकाल लेते हैं और उन्हें बड़े चाव से खाते हैं।

कुछ दिन द्वारका में रुकने के बाद, सुदामा वापस अपने गाँव लौटते हैं। उन्हें इस बात का अफ़सोस होता है कि कृष्ण ने उन्हें कुछ भी नहीं दिया। उन्हें लगता है कि द्वारका आना बेकार रहा। लेकिन जब वह अपने गाँव पहुँचते हैं, तो अपनी टूटी झोपड़ी की जगह एक आलीशान महल, हाथी-घोड़े और सारे राजसी ठाट-बाट देखकर हैरान रह जाते हैं। वह सोचते हैं कि कहीं वह वापस द्वारका तो नहीं आ गए। जब उन्हें सच्चाई पता चलती है कि यह सब कृष्ण की कृपा का फल है, तो वह खुशी से भर जाते हैं।

यह कविता हमें सिखाती है कि सच्ची दोस्ती बिना किसी स्वार्थ के होती है और धन-दौलत से कहीं ज़्यादा क़ीमती होती है। कृष्ण ने बिना मांगे ही अपने दोस्त सुदामा की गरीबी दूर कर दी, क्योंकि वह सच्चे दोस्त के दर्द को समझ गए थे।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8

कविता से

1. सुदामा की दीनदशा देखकर श्रीकृष्ण की क्या मनोदशा हुई? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :

सुदामा की दीनदशा देखकर श्रीकृष्ण अत्यंत दुखी हुए। उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े और उन्होंने अपने मित्र की दुर्दशा पर गहरा शोक व्यक्त किया। सुदामा की दीनहीनता देखकर कृष्ण को यह एहसास हुआ कि धन-दौलत सच्ची मित्रता के आगे कुछ भी नहीं है। उन्होंने सुदामा को अपने हृदय से लगा लिया और उनकी सभी इच्छाएं पूरी करने का संकल्प लिया। कृष्ण की यह प्रतिक्रिया उनकी करुणा और दयालुता का प्रमाण है।

2. “ पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए। ” पंक्ति में वर्णित भाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए 

उत्तर :

कृष्ण और सुदामा की अटूट मित्रता की कहानी में यह पंक्ति एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। जब कृष्ण सुदामा की दीनदशा देखते हैं, तो उनकी आँखों से इतने आँसू निकलते हैं कि वे सुदामा के पैर धो देते हैं। यह कृष्ण की गहरी मित्रता, करुणा और विरह के भाव को दर्शाता है। यह पंक्ति हमें सिखाती है कि सच्ची मित्रता धन-दौलत से परे होती है और सच्चे मित्र हमेशा एक-दूसरे के दुःख-सुख में साथ खड़े रहते हैं।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8

3. ” चोरी की बान में हौ जू प्रवीने। “

(क) उपर्युक्त पंक्ति कौन किससे कह रहा है?

(ख) इस कथन की पृष्ठभूमि स्पष्ट कीजिए ।

(ग) इस उपालंभ ( शिकायत ) के पीछे कौन-सी पौराणिक कथा है?

उत्तर :

 (क) उपर्युक्त पंक्ति कौन किससे कह रहा है?

यह पंक्ति श्रीकृष्ण द्वारा सुदामा से कही गई है।

(ख) इस कथन की पृष्ठभूमि स्पष्ट कीजिए

जब सुदामा अपनी पत्नी द्वारा भेजी गई चावलों की पोटली लेकर श्रीकृष्ण से मिलने द्वारका जाते हैं, तो वे कृष्ण को वह पोटली देने में हिचकिचाते हैं। वे सोचते हैं कि कृष्ण द्वारका के राजा हैं और उनके पास सब कुछ है, इसलिए उन्हें कुछ देने की आवश्यकता नहीं है। इसीलिए वे वह पोटली छिपा लेते हैं।

श्रीकृष्ण को यह बात पता चल जाती है और वे सुदामा से कहते हैं, “चोरी की बान में हौ जू प्रवीने।” अर्थात, श्रीकृष्ण सुदामा को यह बताना चाहते हैं कि वे बचपन से ही कुछ चीजें छिपाने का स्वभाव रखते हैं। यह बात वे सुदामा के बचपन के एक किस्से का जिक्र करके कहते हैं।

(ग) 

इस उपालंभ के पीछे एक पौराणिक कथा है। जब श्रीकृष्ण और सुदामा आश्रम में अपनी-अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उस समय एक दिन वे जंगल में लकड़ियाँ एकत्र करने जाते हैं। 

4. द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा मार्ग में क्या- क्या सोचते जा रहे थे? वह कृष्ण के व्यवहार से क्यों खीझ रहे थे? सुदामा के मन की दुविधा को अपने शब्दों में प्रकट कीजिए ।

उत्तर :

द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा के मन में तरह-तरह के विचार उठ रहे थे। वह इस बात से बहुत दुखी थे कि कृष्ण ने उन्हें कुछ नहीं दिया। वे सोच रहे थे कि क्या उनकी मित्रता सिर्फ दिखावा थी? क्या कृष्ण ने उन्हें सिर्फ आदर देने के लिए बुलाया था? सुदामा को यह भी लग रहा था कि कृष्ण ने उन्हें चोरी की बात कहकर अपमानित किया है। उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही थी कि कृष्ण ने उनके साथ ऐसा क्यों किया। सुदामा के मन में यह भी दुविधा थी कि क्या उन्होंने कृष्ण के पास जाकर गलती की। उन्हें लग रहा था कि उनकी पत्नी ने उन्हें बेवजह कृष्ण के पास भेजा था। वे सोच रहे थे कि अब उन्हें क्या करना चाहिए।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8

5. अपने गाँव लौटकर जब सुदामा अपनी झोंपड़ी नहीं खोज पाए तब उनके मन में क्या-क्या विचार आए? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर :

द्वारका से खाली हाथ लौटने पर सुदामा के मन में अनेक भाव उमड़ रहे थे। अपने गांव को एक समृद्ध शहर में तब्दील देखकर वह दंग रह गया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह सपने में तो नहीं है। कृष्ण ने चमत्कार करके उसके गांव का कायाकल्प कर दिया था।

सुदामा इस अचानक बदलाव से अभिभूत थे। उन्हें कृष्ण के प्रति आश्चर्य और कृतज्ञता का भाव था। साथ ही उन्हें अपनी अयोग्यता और अपराध बोध भी हो रहा था। उन्हें लग रहा था कि वे इतने बड़े उपकार के हकदार नहीं हैं और वे कृष्ण के मित्र होने के योग्य नहीं हैं।

6. निर्धनता के बाद मिलनेवाली संपन्नता का चित्रण कविता की अंतिम पंक्तियों में वर्णित है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :

सुदामा के पैर जब उसकी झोपड़ी की तरफ बढ़े, तो उसे विश्वास नहीं हुआ। जहां पहले मिट्टी की दीवारें थीं, वहां अब चमकदार संगमरमर की दीवारें थीं। जहां पहले छप्पर टपकता था, वहां अब सोने का गुंबद था। सुदामा के मन में एक पल के लिए यह विचार आया कि कहीं वह स्वर्ग तो नहीं आ गया।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8

कविता से आगे

1. द्रुपद और द्रोणाचार्य भी सहपाठी थे, इनकी मित्रता और शत्रुता की कथा महाभारत से खोजकर सुदामा के कथानक से तुलना कीजिए ।

उत्तर :

  • द्रुपद और द्रोणाचार्य की मित्रता सामाजिक असमानता के कारण टूटी, जबकि सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता अटूट रही।
  • द्रुपद ने अपना वादा तोड़ा, जबकि श्रीकृष्ण ने हमेशा सुदामा का साथ दिया।
  • द्रुपद और द्रोणाचार्य शत्रु बन गए, जबकि सुदामा और श्रीकृष्ण हमेशा मित्र बने रहे।

2. उच्च पद पर पहुँचकर या अधिक समृद्ध होकर व्यक्ति अपने निर्धन माता-पिता- भाई-बंधुओं से नजर फेरने लग जाता है, ऐसे लोगों के लिए सुदामा चरित कैसी चुनौती खड़ी करता है? लिखिए ।

उत्तर :

सुदामा चरित एक ऐसी कहानी है जो हमें मानवीय मूल्यों, विशेषकर मित्रता और रिश्तों के महत्व को समझाती है। यह कहानी उन लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है जो धन-दौलत और शक्ति पाने के बाद अपने रिश्तों को भुला देते हैं।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8

अनुमान और कल्पना

1. अनुमान कीजिए यदि आपका कोई अभिन्न मित्र आपसे बहुत वर्षों बाद मिलने आए तो आप को कैसा अनुभव होगा?

यदि मेरा कोई अभिन्न मित्र बहुत वर्षों बाद मुझसे मिलने आए तो मुझे असीम खुशी होगी। मन में अनेक भावों का मिश्रण होगा। सबसे पहले तो मुझे पुरानी यादें ताजा होने लगेंगी। हमने साथ बिताए हुए बचपन के दिन, स्कूल के दिन, कॉलेज के दिन, सब कुछ आंखों के सामने तैरने लगेगा। मुझे हंसी आएगी उन सभी मज़ाकिया लम्हों को याद करके जिनको हमने साथ बिताया था। साथ ही, मुझे थोड़ी सी उदासी भी होगी क्योंकि इतने सालों में हम एक-दूसरे से दूर रहे हैं और बहुत कुछ बदल गया है।

मैं अपने मित्र को गले लगाकर उसकी खैरियत पूछूंगा और हम दोनों एक-दूसरे को बहुत सारी बातें बताएंगे। हम अपने जीवन के बारे में एक-दूसरे को बताएंगे कि हमने इन वर्षों में क्या-क्या किया है। मुझे यह जानने में बहुत दिलचस्पी होगी कि वह कैसे है, उसने क्या किया है, और उसके जीवन में क्या चल रहा है।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8

2. कहि रहीम संपति सगे बनत बहुत बहु रीति ।

विपति कसौटी जे कसे तेई साँचे मीत ||

इस दोहे में रहीम ने सच्चे मित्र की पहचान बताई है। इस दोहे से सुदामा चरित की समानता किस प्रकार दिखती है? लिखिए।

उत्तर :

सुदामा चरित और रहीम दास के इस दोहे में दोनों ही स्थानों पर सच्चे मित्र की महत्ता को दर्शाया गया है। दोनों ही बताते हैं कि सच्चा मित्र वह होता है जो सुख-दुख दोनों में साथ रहता है और मुश्किल समय में साथ देता है। सुदामा चरित इस दोहे को एक आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करता है।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8

भाषा की बात

• ” पानी परात को हाथ छुयो नहिं नैनन के जल सो पग धोए “

ऊपर लिखी गई पंक्ति को ध्यान से पढ़िए। इसमें बात को बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर चित्रित किया गया है। जब किसी बात को इतना बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है तो वहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है। आप भी कविता में से एक अतिशयोक्ति अलंकार का उदाहरण छाँटिए ।

उत्तर :

इस पंक्ति में अतिशयोक्ति अलंकार का प्रयोग किया गया है। श्रीकृष्ण की सुदामा के प्रति गहरी मित्रता और करुणा को बहुत ही तीव्रता से व्यक्त करने के लिए इस अलंकार का प्रयोग किया गया है। वास्तव में, कृष्ण ने अपनी आँखों के आंसुओं से सुदामा के पैर नहीं धोए, लेकिन इस अतिशयोक्ति के प्रयोग से उनकी गहरी भावनाओं को बहुत ही प्रभावी ढंग से व्यक्त किया गया है। यह अलंकार काव्य को अधिक प्रभावशाली और भावपूर्ण बनाता है।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8

FAQ’s

Class 8 Hindi Chapter 8 “सुदामा चरित” के रचयिता कौन हैं?

Class 8 Hindi Chapter 8 “सुदामा चरित” के रचयिता महान कवि भक्त सूरदास हैं, जो भक्ति काल के प्रमुख कवियों में से एक थे।

Class 8 Hindi Chapter 8 “सुदामा चरित” पाठ का मुख्य संदेश क्या है?

सुदामा चरित class 8 पाठ में सच्ची मित्रता, विनम्रता और भगवान श्रीकृष्ण की करुणा व भक्ति का चित्रण है। यह हमें बिना स्वार्थ के प्रेम और भक्ति का महत्व समझाता है।

Class 8 Hindi Chapter 8 सुदामा और कृष्ण की मित्रता हमें क्या सिखाती है?

सुदामा चरित class 8 यह मित्रता दर्शाती है कि सच्चे मित्र जाति, स्थिति या संपत्ति नहीं देखते — वे केवल प्रेम, विश्वास और भावनाओं को महत्व देते हैं।

Class 8 Hindi Chapter 8 के NCERT Solutions कैसे सहायक हैं?

सुदामा चरित class 8 के NCERT Solutions छात्रों को कठिन पदों की व्याख्या, शब्दार्थ, भावार्थ और प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में समझने में मदद करते हैं।

Class 8 Hindi Chapter 8 “सुदामा चरित” पाठ क्यों पढ़ना चाहिए?

सुदामा चरित class 8 यह पाठ छात्रों को भारतीय भक्ति परंपरा, सच्ची मित्रता और भगवान के प्रति अटूट श्रद्धा की गहरी समझ प्रदान करता है, जो उनके नैतिक विकास में सहायक है।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8