NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 4
“साँवले सपनों की याद” पाठ में प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक डॉ. सालिम अली के जीवन का एक संक्षिप्त परिचय दिया गया है।
लेखक ने बताया है कि कैसे बचपन में सालिम अली ने एक चिड़िया को अपनी एयरगन से घायल कर दिया था। इस घटना ने उनके मन में पक्षियों के प्रति गहरा दुख और दया का भाव पैदा किया। इस घटना के बाद से ही सालिम अली ने पक्षियों के प्रति गहरी रुचि विकसित कर ली और उन्होंने अपना जीवन पक्षियों के अध्ययन और संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया।
पाठ में सालिम अली के जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया गया है, जैसे कि उनकी यात्राएं, उनके शोध कार्य और उनके पक्षी संरक्षण के प्रयास। लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व और उनके कार्यों की प्रशंसा की है।
“साँवले सपनों की याद” एक प्रेरणादायक कहानी है जो हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनने और पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश देती है। यह पाठ हमें सिखाता है कि कैसे एक छोटी सी घटना हमारे जीवन की दिशा को बदल सकती है और हमें अपने जुनून को पूरा करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
यह पाठ हमें सलीम अली के प्रकृति प्रेम की गहराई से परिचित कराता है। वे किसी भी सामान्य पक्षी प्रेमी की तरह नहीं थे; उनकी दृष्टि और समझ बहुत गहरी थी। वे जंगल, पहाड़ों, नदियों और झरनों में छिपे हुए जीवन को महसूस कर सकते थे, जिसे शायद हम जैसे आम लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेखक बताते हैं कि सलीम अली ने प्रकृति को एक मां की तरह प्यार किया, उसकी रक्षा की और उसके रहस्यों को जानने में अपना पूरा जीवन लगा दिया।
पाठ में कृष्ण की वृंदावन लीलाओं का भी एक सुंदर उल्लेख है, यह बताने के लिए कि कैसे कुछ लोग प्रकृति और उसके जीवों के साथ इतना गहरा संबंध बना लेते हैं कि वे अमर हो जाते हैं, जैसे कृष्ण अपनी बंसी की धुन से वृंदावन को सजीव कर देते थे। सलीम अली भी अपने पक्षी प्रेम से प्रकृति को जीवंत कर देते थे।
लेखक इस बात पर अफ़सोस व्यक्त करते हैं कि अब कोई दूसरा सलीम अली जैसा व्यक्ति नहीं होगा, जो पक्षियों की इतनी परवाह करेगा, उनकी भाषा समझेगा और उनके लिए आवाज़ उठाएगा। यह पाठ हमें बताता है कि सलीम अली सिर्फ एक पक्षी विज्ञानी नहीं थे, बल्कि वे एक ऐसे इंसान थे जो प्रकृति और उसके हर छोटे-बड़े जीव के प्रति अगाध प्रेम और करुणा रखते थे।
‘साँवले सपनों की याद’ वास्तव में एक भावनात्मक यात्रा है जो हमें सलीम अली जैसे महान व्यक्तित्व के असाधारण योगदान और उनके प्रकृति प्रेम की याद दिलाती है। यह पाठ हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील होने और उसके संरक्षण के महत्व को समझने का संदेश देता है। यह हमें सिखाता है कि कुछ लोग अपने जुनून और समर्पण से कैसे अमर हो जाते हैं, और उनकी यादें ‘साँवले सपनों’ की तरह हमेशा हमारे मन में बसी रहती हैं।
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 4
प्रश्न- अभ्यास
1. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?
उत्तर :
सालिम अली के जीवन में एक घटना ने उनकी दिशा बदल दी। बचपन में उन्होंने गलती से अपनी एयरगन से एक गौरैया को घायल कर दिया था। इस घटना ने उन्हें बहुत दुखी किया और पक्षियों के प्रति गहरा दुख और दया का भाव पैदा किया। इस घटना के बाद से ही उन्होंने पक्षियों के बारे में जानने की गहरी इच्छा जागी और उन्होंने अपना जीवन पक्षी विज्ञान को समर्पित कर दिया।
2. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
उत्तर :
सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के समक्ष रेगिस्तानी हवा के गर्म झोकों और उनके दुष्प्रभावों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यदि इस हवा से केरल की साइलेंट वैली को नहीं बचाया गया, तो उसके नष्ट होने का खतरा उत्पन्न हो सकता है। प्रकृति के प्रति उनकी ऐसी गहरी चिंता और प्रेम देखकर चौधरी चरण सिंह की आँखें नम हो गईं।
3. लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?”
उत्तर :
फ्रीडा का कथन “मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है,” लॉरेंस और पक्षियों, विशेषकर गौरैयों के बीच गहरे जुड़ाव का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि लॉरेंस पक्षियों के साथ घनिष्ठ संबंध रखते थे। वे उन्हें दाना खिलाते थे, उनके व्यवहार का अध्ययन करते थे और उनके साथ समय बिताते थे। इस तरह, गौरैयाएं लॉरेंस को अच्छी तरह से जानती थीं और उनके मूड, भावनाओं और दिनचर्या से परिचित थीं। फ्रीडा का यह वाक्य लॉरेंस की प्रकृति प्रेमी छवि को उजागर करता है और दर्शाता है कि उन्होंने पक्षियों को भी अपने परिवार का हिस्सा माना था।
4.आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा !
(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
उत्तर :
(क) इस वाक्य का अर्थ है कि वह व्यक्ति प्रकृति के अनुरूप जीवन जीने लगा था। उसने अपने जीवन को प्रकृति के नियमों के अनुसार ढाल लिया था। वह प्रकृति से जुड़ाव महसूस करता था और प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित कर लिया था।
(ख) यह वाक्य मृत्यु के अपरिहार्य होने की बात कहता है। यहां मृत पक्षी जीवन का प्रतीक है। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी प्रयास करे, मृत प्राणी को जीवनदान नहीं दे सकता। यह वाक्य जीवन के मूल्य और उसकी अमूल्यता को दर्शाता है।
(ग) यह वाक्य सालिम अली के व्यापक योगदान को रेखांकित करता है। “टापू” सीमित क्षेत्र या ज्ञान को दर्शाता है, जबकि “अथाह सागर” विशालता और गहराई को दर्शाता है। सालिम अली ने पक्षी विज्ञान के क्षेत्र में सीमित अध्ययन नहीं किया, बल्कि उन्होंने व्यापक शोध किया और अपने ज्ञान को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रकृति संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया और इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया।
5. इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा – शैली की चार विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर :
पाठ में लेखक ने सरल और प्रभावी भाषा का प्रयोग किया है। उनकी शैली वर्णनात्मक होने के साथ-साथ संवेदनात्मक भी है। उन्होंने सालिम अली के जीवन और उनके कार्यों का सजीव वर्णन किया है, जिससे पाठक उनके प्रति सम्मान और प्रशंसा का भाव विकसित करते हैं। लेखक ने अपने विचारों को स्पष्ट और सहज भाषा में व्यक्त किया है, जिससे पाठक आसानी से उनसे जुड़ सकते हैं। साथ ही, लेखक ने प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी प्रभावी ढंग से उजागर किया है।
6. इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
पाठ के माध्यम से सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्रण उभर कर आता है, वह एक सच्चे प्रकृति प्रेमी और समर्पित वैज्ञानिक का है। उनका जीवन पक्षियों के प्रति गहन लगाव से ओत-प्रोत था। वे पक्षियों का निरीक्षण करने के लिए लगातार यात्रा करते रहे, धैर्यपूर्वक अध्ययन किया और अपने अवलोकनों को विस्तार से दर्ज किया। सालिम अली केवल एक पक्षी वैज्ञानिक ही नहीं थे, बल्कि वे एक उत्कृष्ट लेखक भी थे। उन्होंने अपनी खोजों और अनुभवों को सरल और प्रभावी भाषा में साझा किया, जिससे आम जनता भी पक्षी विज्ञान के प्रति रुचि ले सकें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सालिम अली ने प्रकृति संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता फैलाई और सरकार को भी इस दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। सालिम अली का जीवन एक प्रेरणा स्रोत है, जो हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और संरक्षण के प्रति जागरूक करता है।
7. ‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए ।
उत्तर :
यह शीर्षक पाठ के विषय को संक्षेप में प्रस्तुत करता है और पाठक को कहानी की गहराई में जाने के लिए आमंत्रित करता है। यह शीर्षक सालिम अली के जीवन के उतार-चढ़ाव, उनकी उपलब्धियों और उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत को दर्शाता है।
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 4
FAQ’s
Class 9 Hindi Chapter 4 “साँवले सपनों की याद” के लेखक कौन हैं?
Class 9 Hindi Chapter 4 “साँवले सपनों की याद” के लेखक जीवनंद्रनाथ मिश्र ‘निराला’ हैं, जो हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध कवि थे।
“साँवले सपनों की याद” कविता का मुख्य भाव क्या है?
इस कविता में कवि ने बचपन की स्मृतियों, सपनों, और एक मासूम दुनिया की झलक दी है। Class 9 Hindi Chapter 4 बच्चों के भावनात्मक अनुभवों को संवेदनशीलता से प्रस्तुत करता है।
Class 9 Hindi Chapter 4 से विद्यार्थियों को क्या सीख मिलती है?
इस पाठ के माध्यम से विद्यार्थी अपने अतीत की भावनाओं को समझना सीखते हैं और यह जान पाते हैं कि भावनात्मक जुड़ाव जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 4 कैसे सहायक हैं?
ये समाधान छात्रों को साँवले सपनों की याद कविता की गहराई से व्याख्या करने, प्रश्नों के उत्तर लिखने और परीक्षा की तैयारी करने में मदद करते हैं।
“साँवले सपनों की याद” कविता का भाषा-शैली में क्या विशेषता है?
इस कविता की भाषा सरल, भावनात्मक और छायावादी शैली से ओतप्रोत है, जो class 9 hindi chapter 4 को प्रभावशाली बनाती है।