इस कहानी में, लेखक एक पुरानी, खस्ताहाल बस में यात्रा करता है। बस की हालत इतनी खराब है कि वह किसी भी क्षण टूट सकती है। इसके बावजूद, ड्राइवर बेखौफ होकर बस चलाता है, उसकी रफ्तार तेज होती है और यात्रियों की सुरक्षा की कोई परवाह नहीं होती।
यात्रा के दौरान, बस बार-बार खराब होती है। टायर पंक्चर हो जाते हैं, इंजन गर्म हो जाता है, और कई अन्य समस्याएं सामने आती हैं। लेकिन ड्राइवर और यात्री इन सब मुश्किलों का हल्के-फुल्के अंदाज में सामना करते हैं।
कहानी में हास्य का पुट है, लेकिन यह भारत में सार्वजनिक परिवहन की दयनीय स्थिति और यात्रियों की सुरक्षा की अनदेखी की भी तीखी आलोचना करती है।
कारण बताएँ
1. “ मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा । ”
• लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई ?
उत्तर :
कहानी में लेखक ने कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा का भाव इस कारण महसूस किया क्योंकि उन्होंने एक बेहद खराब हालत वाली बस में यात्रा करते हुए भी अपनी जिम्मेदारी और आत्मविश्वास दिखाया था। बस की हालत इतनी खराब थी कि किसी भी समय वह खराब हो सकती थी, लेकिन हिस्सेदार साहब इस बात से बिल्कुल भी डरे हुए नहीं थे। उन्होंने अपनी बस की तारीफ करते हुए यात्रा जारी रखी। यह देखकर लेखक बहुत प्रभावित हुआ और उसके मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा का भाव जाग उठा।
2. “ लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।”
• लोगों ने यह सलाह क्यों दी?
उत्तर :
लोगों ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योंकि वे जानते थे कि बस की हालत बहुत खराब है। बस का कोई भरोसा नहीं था कि यह कब और कहाँ रुक जाए, शाम बीतते ही रात हो जाती है और रात रास्ते में कहाँ बितानी पड़ जाए, कुछ पता नहीं रहता।
3. “ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं। ”
• लेखक को ऐसा क्यों लगा ?
उत्तर :
जब लेखक बस में सवार हुआ और बस का इंजन चालू हुआ, तो पूरी बस जोर-जोर से हिलने लगी। इंजन की आवाज इतनी तेज थी कि ऐसा लग रहा था मानो पूरी बस ही इंजन बन गई हो। बस के अंदर बैठे यात्री भी इस कंपन के साथ हिल रहे थे।
4. ‘गज़ब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।’
• लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई ?
उत्तर :
लेखक को यह बात इसलिए भी अजीब लगी क्योंकि आम तौर पर लोग एक खराब हालत वाली वस्तु के बारे में इतना आत्मविश्वास नहीं दिखाते। लेकिन हिस्सेदार साहब ने अपनी बस के बारे में जो कहा, उससे लेखक को लगा कि शायद वह किसी और ही दुनिया में रहते हैं।
5. “मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।
• लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था ?
उत्तर :
लेखक पेड़ों को अपना दुश्मन इसलिए समझ रहा था क्योंकि वह एक बहुत ही खराब हालत वाली बस में यात्रा कर रहा था। बस इतनी पुरानी और जर्जर थी कि किसी भी समय टूट सकती थी। स्टीयरिंग कहीं भी टूट सकती थी या ब्रेक फेल हो सकते थे। ऐसे में लेखक को लगातार डर सता रहा था कि कहीं बस किसी पेड़ से टकरा न जाए।
पाठ से आगे
1. ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों के आधार पर लिखिए ।
उत्तर :
सविनय अवज्ञा आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था और इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसक तरीके से विरोध करना और भारत को स्वतंत्रता दिलाना था। यह आंदोलन 1930 में शुरू हुआ था।
2. सविनय अवज्ञा का उपयोग व्यंग्यकार ने किस रूप में किया है? लिखिए।
उत्तर :
सविनय अवज्ञा को आमतौर पर एक गंभीर सामाजिक आंदोलन के रूप में देखा जाता है, लेकिन लेखक ने इस शब्द का प्रयोग व्यंग्य करने के लिए किया है। उन्होंने बस की खराब हालत और उसके फिर भी चलते रहने की तुलना सविनय अवज्ञा आंदोलन से की है।
3. आप अपनी किसी यात्रा के खट्टे-मीठे अनुभवों को याद करते हुए एक लेख लिखिए।
उत्तर :
कौन कहता है कि यात्राएं सिर्फ खुशियों से भरी होती हैं? मेरी एक यात्रा ने मुझे जीवन के कई रंग दिखाए थे। यह यात्रा थी मेरी कॉलेज के दोस्तों के साथ हिमालय की।
शुरुआत में सब कुछ बेहद रोमांचक था। पहाड़ों की हरी-भरी वादियां, ठंडी हवा और दोस्तों का साथ, ये सब मिलकर एक अद्भुत अनुभव था। हमने ट्रेकिंग की, कैंपिंग की और साथ में खूब मस्ती की। रात को आसमान में चमकते तारों को देखना और बॉनफायर के पास बैठकर गाने गाना, ये सब कुछ यादगार पल थे।
लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। हमारी यात्रा में भी कुछ कड़वे अनुभव हुए। एक बार हम एक छोटे से गांव में रुक गए थे। वहां का खाना हमारे पेट के लिए बिल्कुल मेल नहीं खाया और हम सभी बीमार पड़ गए। बुखार, दस्त और सिरदर्द ने हमारी यात्रा को काफी प्रभावित किया।
इसके अलावा, एक बार हमने एक गलत रास्ते पर चलना शुरू कर दिया था और काफी देर तक भटकते रहे। सूरज ढलने लगा था और हम डर भी रहे थे। आखिरकार, एक स्थानीय व्यक्ति ने हमें सही रास्ता दिखाया और हम सुरक्षित वापस कैंप पहुंच पाए।
इस यात्रा ने मुझे सिखाया कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। खुशियों के साथ-साथ मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। लेकिन इन मुश्किलों से ही हम मजबूत बनते हैं और नए अनुभव प्राप्त करते हैं।
इस यात्रा के दौरान मैंने दोस्ती का असली मायने जाना। जब हम बीमार थे, तब मेरे दोस्तों ने मेरी बहुत मदद की। उन्होंने मुझे खाना खिलाया, दवा दी और मेरा ख्याल रखा। इस यात्रा ने हमारी दोस्ती को और मजबूत बना दिया।
मन बहलाना
• अनुमान कीजिए यदि बस जीवित प्राणी होती, बोल सकती तो वह अपनी बुरी हालत और भारी बोझ के कष्ट को किन शब्दों में व्यक्त करती ? लिखिए।
उत्तर :
“हाय राम! मैं तो बिल्कुल बूढ़ी हो गई हूं। कभी थी मैं चमकदार और नई-नई, अब तो देखो मेरी हालत! मेरी सीटें टूट-फूट गई हैं, शरीर में जंग लग गया है। हर दिन मुझे इतने सारे यात्री लेकर चलना पड़ता है कि मेरा दम निकल जाता है। कभी-कभी तो लगता है कि मैं और नहीं चल पाऊंगी। मेरे टायर भी थक गए हैं, हर पल डर लगता है कि कहीं पंक्चर न हो जाएं। मैं तो बस यही चाहती हूं कि मुझे शांति से आराम मिले, लेकिन मालिक मुझे दिन-रात चलाते रहते हैं।”
भाषा की बात
1. बस, वश, बस तीन शब्द हैं- इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त ( काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे- बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है। अब बस करो।
• उपर्युक्त वाक्यों के समान वश और बस शब्द से दो-दो वाक्य बनाइए ।
उत्तर :
वश शब्द से वाक्य
- अर्थ: किसी के अधिकार या नियंत्रण में होना।
- बच्चे का वश में रहना माता-पिता की जिम्मेदारी है। (इस वाक्य में ‘वश’ का अर्थ है – बच्चे को अपने नियंत्रण में रखना)
- क्रोध पर वश करना एक बड़ी बात है। (यहां ‘वश’ का अर्थ है – क्रोध को नियंत्रित करना)
बस शब्द से वाक्य
- अर्थ: केवल इतना ही, पर्याप्त, या फिर किसी वाहन (जैसे बस) को दर्शाता है।
- मुझे बस इतना बता दो कि तुम कहाँ जा रहे हो। (यहां ‘बस’ का अर्थ है – केवल इतना ही)
- मैं बस स्टॉप पर उतर गया। (यहां ‘बस’ का अर्थ है – यातायात का एक साधन)
2. “हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस
सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है। “
ऊपर दिए गए वाक्यों में ने, की, से आदि वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं। इसी तरह दो वाक्यों को एक साथ जोड़ने के लिए ‘कि’ का प्रयोग होता है।
• कहानी में से दोनों प्रकार के चार वाक्यों को चुनिए ।
“हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस
सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है। “
ऊपर दिए गए वाक्यों में ने, की, से आदि वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं। इसी तरह दो वाक्यों को एक साथ जोड़ने के लिए ‘कि’ का प्रयोग होता है।
• कहानी में से दोनों प्रकार के चार वाक्यों को चुनिए ।
उत्तर :
“हमने बस स्टैंड पर पहुंचकर टिकट लिया।” (यहां ‘पर’ कारक शब्द है।)
“मैंने पूछा कि क्या यह बस सतना जाएगी?” (यहां ‘कि’ संयोजक शब्द है।)
“हम दोस्तों के साथ यात्रा करने के लिए उत्साहित थे।” (यहां ‘के साथ’ कारक शब्द है।)
3. “हम फ़ौरन खिड़की से दूर सरक गए। चाँदनी में रास्ता टटोलकर वह रेंग रही थी । “
दिए गए वाक्यों में आई ‘सरकना’ और ‘रेंगना’ जैसी क्रियाएँ दो प्रकार की गतियाँ दर्शाती हैं। ऐसी कुछ और क्रियाएँ एकत्र कीजिए जो गति के लिए प्रयुक्त होती हैं, जैसे- घूमना इत्यादि। उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
रेंगना: सांप रेंग रहा है।
खिसकना: किताब मेज से खिसक गई।
लुढ़कना: गेंद पहाड़ से लुढ़क रही है।
चलना: बच्चा धीरे-धीरे चल रहा है।
टहलना: बूढ़ा आदमी बगीचे में टहल रहा है।
4. “काँच बहुत कम बचे थे। जो बचे थे, उनसे हमें बचना था। ”
इस वाक्य में ‘बच’ शब्द को दो तरह से प्रयोग किया गया है। एक ‘शेष’ के अर्थ में और दूसरा ‘सुरक्षा’ के अर्थ में।
नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करके देखिए । ध्यान रहे,एक ही
शब्द वाक्य में दो बार आना चाहिए और शब्दों के अर्थ में कुछ बदलाव होना चाहिए।
(क) जल (ख) हार
उत्तर :
(क) आग लगने से घर का सारा सामान जल गया था। जो थोड़ा बहुत जल बचा था, उसे हमने बचा लिया।
(ख) मैच में हमारी टीम हार गई थी। जो खिलाड़ी मैदान में हार नहीं माने थे, उन्होंने बहुत मेहनत की।
5. बोलचाल में प्रचलित अंग्रेजी शब्द ‘फर्स्ट क्लास’ में दो शब्द हैं- फर्स्ट और क्लास। यहाँ क्लास का विशेषण है फर्स्ट । चूँकि फर्स्ट संख्या है, फर्स्ट क्लास संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण है। ‘महान आदमी’ में किसी आदमी की विशेषता है महान | यह गुणवाचक विशेषण है। संख्यावाचक विशेषण और गुणवाचक विशेषण के दो-दो उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर :
संख्यावाचक विशेषण
दो किताबें, पांच पेंसिल, एक दर्जन अंडे
कुछ बच्चे, थोड़ा पानी, बहुत से पेड़
गुणवाचक विशेषण
लाल गुलाब, बड़ा घर, मीठा फल, बुरा आदमी, सुंदर चित्र