Monday, December 30, 2024

बाज और साँप

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इस कहानी में दो मुख्य पात्र हैं – साँप और बाज। साँप समुद्र किनारे एक अंधेरी गुफा में रहता है और अपनी शांत और सुरक्षित ज़िंदगी से संतुष्ट है। वह किसी से कुछ लेता नहीं है और न ही किसी को कुछ देता है।

एक दिन, एक घायल बाज उसकी गुफा में गिर जाता है। बाज साँप को बताता है कि उसका अंत नज़दीक है, लेकिन वह अपने जीवन से संतुष्ट है क्योंकि उसने जीवन का हर पल आनंद लिया है। बाज साँप को आकाश में उड़ने के आनंद के बारे में बताता है।

हालांकि, साँप को बाज की गुफा की दुर्गंध अच्छी नहीं लगती। बाज एक अंतिम बार आकाश में उड़ना चाहता है और साँप उसे जाने देता है। इस कहानी से हमें जीवन के विभिन्न दृष्टिकोणों और संतुष्टि के महत्व के बारे में सोचने को मिलता है।

शीर्षक और नायक

1. लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने बाज और साँप को ही क्यों चुना? आपस में चर्चा कीजिए ।

उत्तर :

लेखक ने इस कहानी के लिए बाज और साँप को इसलिए चुना होगा क्योंकि ये दोनों जीव एक-दूसरे के बिल्कुल विपरीत हैं।

कहानी से

1. घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, “मुझे कोई शिकायत नहीं है । ” विचार प्रकट कीजिए ।

उत्तर :

बाज की यह बात उसके जीवन दर्शन को दर्शाती है। उसने जीवन को भरपूर जीया है और हर पल का आनंद लिया है। इसलिए, घायल होने के बावजूद वह अपने जीवन से संतुष्ट है। यह हमें जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और हर पल को जीने की प्रेरणा देती है।

2. बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था ?

उत्तर :

बाज आकाश का राजा है। उसे उड़ना बहुत पसंद है। यह उसकी स्वतंत्रता और जीवन जीने का तरीका है। घायल होने के बावजूद, वह अपनी इस स्वतंत्रता को खोना नहीं चाहता था। वह जीवन जीने का जुनूनी था और अंतिम क्षणों तक उड़ना चाहता था। इस तरह, बाज की इच्छा दिखाती है कि जीवन जीने की चाहत कितनी मजबूत हो सकती है।

3. साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?

उत्तर :

साँप शुरू से ही उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। वह अपनी गुफा में रहकर संतुष्ट था। लेकिन जब उसने घायल बाज को अंतिम क्षणों में भी आकाश में उड़ने की तड़पते हुए देखा, तो उसके मन में भी एक जिज्ञासा जागी। बाज के चेहरे पर जो आनंद और उत्साह था, वह साँप के लिए नया था।

4. बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?

उत्तर :

बाज के लिए लहरों ने गीत इसलिए गाया था क्योंकि बाज ने अपने जीवन में बहुत साहस और वीरता का परिचय दिया था। उसने शत्रुओं से बहादुरी से लड़ते हुए अपना कीमती रक्त बहाया था। घायल होने के बाद भी उसके उत्साह में जरा भी कमी नहीं आई थी। वह आकाश की ऊँचाइयों पाना चाहता था। अपनी जान हथेली पर रखकर घायल बाज आसमान में उड़ान भरने को निकल पड़ा। बाज के साहस, वीरता और बहादुरी से प्रभावित होकर ही लहरों ने गीत गाया।

5. घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?

उत्तर :

घायल बाज को देखकर साँप खुश हुआ होगा क्योंकि बाज अब उसके लिए खतरा नहीं था। शिकारी अब शिकार बन गया था। यह प्रकृति का नियम है, जहां शिकार और शिकारी का चक्र चलता रहता है।

 कहानी से आगे

1. कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो ।

उत्तर :

“आकाश मेरा घर है, मैं उड़ता रहूँगा।” – यह पंक्ति बाज की स्वतंत्रता की भावना को दर्शाती है।

“मैंने जीवन को जी भरकर जिया है।” – यह पंक्ति हमें जीवन का पूरा-पूरा आनंद लेने की प्रेरणा देती है।

“अभी भी कुछ बचा है, एक बार फिर उड़ने की ताकत।” – यह पंक्ति हमें कभी हार न मानने की प्रेरणा देती है।

2. लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए ।

उत्तर :

लहरों के गीत सुनने के बाद साँप के मन में एक नई उम्मीद जग गई होगी। उसने बाज की वीरता और आकाश की सुंदरता देखकर प्रेरित होकर उड़ने की कोशिश की होगी। हालांकि, साँप की शारीरिक संरचना उड़ान के लिए उपयुक्त नहीं थी, इसलिए वह असफल रहा होगा।

इस असफलता के बाद, साँप ने अपनी सीमाओं को समझा होगा। उसने अपनी ताकतों को पहचाना होगा और अपनी गुफा में रहकर खुश रहना सीखा होगा। इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि हमें अपनी ताकतों को पहचानना चाहिए और अपनी सीमाओं को स्वीकार करना चाहिए।

3. क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं ? विचार प्रकट कीजिए । 

उत्तर :

यह कहना मुश्किल है कि पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता है या नहीं। हालांकि, उनके व्यवहार और शारीरिक संरचना से अनुमान लगाया जा सकता है कि उड़ान उनके लिए एक सुखद अनुभव हो सकता है। पक्षियों की शारीरिक संरचना उड़ान के लिए विशेष रूप से विकसित हुई है, और वे उड़ते समय बहुत खुश और उत्साहित दिखते हैं।

4. मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है।

उत्तर :

मानव ने सदियों से आकाश में उड़ने का सपना देखा है। पक्षियों को आसमान में स्वच्छंद विचरण करते देखकर मनुष्य भी उनके जैसा बनने की तमन्ना रखता था। इसी इच्छा के चलते मनुष्य ने उड़ान के विभिन्न साधनों का आविष्कार किया है।

आज हम हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, ग्लाइडर, पैराग्लाइडर, और हॉट एयर बैलून जैसे साधनों से आसमान में उड़ान भर सकते हैं। ये सभी साधन हमें पक्षियों की तरह आकाश में स्वतंत्र विचरण करने का मौका देते हैं। हवाई जहाज लंबी दूरी की यात्रा के लिए सबसे लोकप्रिय साधन है, जबकि हेलीकॉप्टर छोटी दूरी की यात्रा और बचाव कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। ग्लाइडर और पैराग्लाइडर हवा की धाराओं का उपयोग करके उड़ते हैं और इनसे हवाई खेलों का भी आनंद लिया जाता है। हॉट एयर बैलून एक खुले बर्तन में गर्म हवा भरकर उड़ते हैं और इनसे शांत और शांतिपूर्ण यात्रा का अनुभव होता है।

अनुमान और कल्पना

1. यदि इस कहानी के पात्र बाज और साँप न होकर कोई और होते तब कहानी कैसी होती? अपनी कल्पना से लिखिए।

उत्तर :

मान लीजिए, इस कहानी के पात्र बाज और साँप की जगह एक तितली और एक कीड़ा होते।

कहानी कुछ इस तरह हो सकती है:

एक सुंदर बगीचे में एक रंगीन तितली फूलों के रस का आनंद ले रही थी। वह आसमान में उड़ते हुए फूलों से फूल पर मंडराती और अपनी रंगीन पंखों से हवा में नाचती। वह अपने जीवन से बेहद खुश थी।

वहीं, एक छोटा सा कीड़ा मिट्टी में रेंग रहा था। वह तितली को देखकर बहुत जलता था। वह सोचता था, “काश मैं भी आसमान में उड़ सकूं और फूलों के रस का आनंद ले सकूं।”

एक दिन, तितली थककर एक पत्ते पर बैठ गई। कीड़े ने मौका पाकर उससे पूछा, “तुम इतनी खुश क्यों हो? तुम हर रोज आसमान में उड़ते हो, फूलों के रस का आनंद लेते हो।”

तितली ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं अपनी स्वतंत्रता से खुश हूं। मैं आसमान में उड़ सकती हूं, फूलों के रस का आनंद ले सकती हूं। लेकिन हर किसी के लिए यह संभव नहीं है। तुम्हारे पास भी बहुत सारी चीजें हैं जिनसे तुम खुश हो सकते हो।”

कीड़ा बोला, “मैं तो सिर्फ मिट्टी में रेंगता रहता हूं। मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता।”

तितली ने कहा, “तुम मिट्टी में रहकर भी बहुत काम कर सकते हो। तुम पौधों की जड़ों को मजबूत बना सकते हो, मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हो। तुम्हारा भी अपना एक महत्वपूर्ण काम है।”

कीड़े ने तितली की बातों पर गौर किया और उसे अपनी बात समझ में आई। उसने तय किया कि वह अपनी कमजोरियों के बारे में नहीं सोचेगा बल्कि अपनी ताकतों पर ध्यान देगा।

भाषा की बात

1. कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।

  • आसमान छूना: बहुत ऊंचा उड़ना, बहुत अधिक सफल होना
  • रंगीन पंखों से हवा में नाचना: खुशी से उछलना, बहुत खुश होना
  • मिट्टी में रेंगना: निराश होना, असफल होना
  • जलना: ईर्ष्या करना
  • अपनी ताकतों पर ध्यान देना: अपनी कमजोरियों को भूलकर अपनी खूबियों पर ध्यान केंद्रित करना

इन मुहावरों का प्रयोग करते हुए कुछ वाक्य इस प्रकार हो सकते हैं:

  • तितली अपनी सफलता के कारण आसमान छू रही थी।
  • वह रंगीन पंखों से हवा में नाचती हुई फूलों का रस पी रही थी।
  • कीड़ा अपनी स्थिति को देखकर मिट्टी में रेंग रहा था।
  • वह तितली को देखकर जलता था।
  • कीड़े ने तय किया कि वह अपनी ताकतों पर ध्यान देगा।
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Dr. Upendra Kant Chaubey
Dr. Upendra Kant Chaubeyhttps://education85.com
Dr. Upendra Kant Chaubey, An exceptionally qualified educator, holds both a Master's and Ph.D. With a rich academic background, he brings extensive knowledge and expertise to the classroom, ensuring a rewarding and impactful learning experience for students.
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