Saturday, December 21, 2024

दो बैलों की कथा

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दो बैलों की कथा एक मार्मिक कहानी है जिसमें दो बैल, हीरा और मोती, अपने मालिक झूरी से गहरा प्यार करते हैं। झूरी भी अपने बैलों से बहुत प्यार करता है। एक दिन, झूरी अपने ससुराल के खेत में काम करने के लिए हीरा और मोती को भेजता है। वहां, उन्हें बहुत ज्यादा काम दिया जाता है और उन्हें कम खाना दिया जाता है। बैल दुखी होते हैं और अपने घर और झूरी को याद करते हैं।

एक दिन, एक कसाई हीरा और मोती को खरीदने आता है। बैल डर जाते हैं और भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें पकड़ लिया जाता है और बांध दिया जाता है। जैसे ही कसाई उन्हें ले जाने वाला होता है, झूरी आ जाता है और उन्हें बचा लेता है। हीरा और मोती अपने प्यारे मालिक के साथ घर लौटकर बहुत खुश होते हैं।

कहानी मनुष्यों और जानवरों के बीच के गहरे बंधन और करुणा और दयालुता के महत्व को उजागर करती है। यह भी दर्शाता है कि जानवरों में भी भावनाएं होती हैं और जब उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है तो वे पीड़ित हो सकते हैं।

प्रश्न- अभ्यास

1. कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होगी ?

उत्तर :

कांजीहौस में कैद पशुओं की हाजिरी इसलिए ली जाती है ताकि उनकी संख्या का रिकॉर्ड रखा जा सके। इससे यह पता चलता है कि कितने पशु कांजीहौस में हैं और कोई पशु गायब तो नहीं हुआ है। इसके अलावा, हाजिरी लेने से यह पता चलता है कि सभी पशुओं को खाना, पानी और अन्य आवश्यक चीज़ें मिल रही हैं या नहीं। साथ ही, हाज़िरी लेने के दौरान पशुओं की स्वास्थ्य की जांच भी की जा सकती है ताकि किसी बीमारी का पता चल सके। अगर कोई पशु कांजीहौस में है तो उसके मालिक को सूचित करने के लिए हाज़िरी का रिकॉर्ड उपयोगी होता है। इसके अलावा, अगर किसी पशु के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई चल रही है तो हाज़िरी का रिकॉर्ड सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

2. छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया ?

उत्तर : 

कहानी “दो बैलों की कथा” में छोटी बच्ची बैलों के प्रति प्रेम इसलिए महसूस करती है क्योंकि वह खुद भी अकेली और असहाय महसूस करती है। उसकी माँ मर चुकी हैं और सौतेली माँ उसे बहुत परेशान करती है। वह बैलों में अपनी ही परछाई देखती है। बैल भी अपने मालिक से दूर, अजनबियों के घर में, बिना किसी प्यार के काम कर रहे हैं। दोनों ही प्यार और सहानुभूति की तलाश में हैं। बच्ची बैलों को खाना खिलाकर और उनके साथ खेलकर अपना प्यार दिखाती है। बैलों को भी बच्ची से सहानुभूति मिलती है, जिससे उनके बीच एक गहरा बंधन बन जाता है। बच्ची की अकेलीपन और बैलों की असहायता ने उनके बीच एक ऐसा रिश्ता बनाया है जो प्यार और करुणा पर आधारित है।

3. कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?

उत्तर :  

प्रेम और करुणा: कहानी में सबसे प्रमुख मूल्य प्रेम और करुणा है। हीरा और मोती अपने मालिक झूरी से गहरा प्रेम करते हैं और झूरी भी अपने बैलों से बहुत प्यार करता है। छोटी बच्ची भी बैलों के प्रति गहरी करुणा महसूस करती है और उन्हें प्यार से देखभाल करती है।

स्वतंत्रता: बैल अपनी स्वतंत्रता खो देते हैं जब उन्हें एक अजनबी के घर ले जाया जाता है। वे अपने घर और मालिक को याद करते हैं और स्वतंत्र होने की तड़प महसूस करते हैं।

अन्याय के खिलाफ लड़ाई: जब बैलों के साथ अन्याय होता है तो वे चुप नहीं रहते हैं और भागने की कोशिश करते हैं।

दयालुता: छोटी बच्ची बैलों के प्रति दयालुता दिखाती है और उन्हें खाना खिलाती है।

4. प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?

उत्तर :  

प्रेमचंद ने ‘दो बैलों की कथा’ में गधे के प्रति रूढ़िवादी दृष्टिकोण को चुनौती देते हुए उसके कुछ नए स्वभावगत विशेषताओं को उजागर किया है। आम तौर पर गधे को मूर्ख, आलसी और जिद्दी माना जाता है, लेकिन प्रेमचंद ने कहानी में गधे को एक संवेदनशील, समझदार और वफादार प्राणी के रूप में चित्रित किया है।

कहानी में गधा अपने मालिक के प्रति गहरा प्रेम और समर्पण दिखाता है। वह मालिक की हर आज्ञा का पालन करता है और उसकी सेवा में हमेशा तत्पर रहता है। गधा न केवल अपने मालिक बल्कि अन्य जानवरों के प्रति भी दयालु और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करता है। वह हीरा और मोती के साथ गहरी दोस्ती रखता है और उनके दुःख में उनका साथ देता है।

5. किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी ?

उत्तर :  

हीरा और मोती के बीच गहरी दोस्ती का पता कई घटनाओं से चलता है। वे हमेशा साथ-साथ काम करते थे, बोझ बराबर बांटते थे, और एक-दूसरे की मदद करते थे। वे खाना और पानी भी साथ-साथ खाते-पीते थे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे बिना शब्द कहे एक-दूसरे की भावनाओं को समझ जाते थे। जब हीरा मुसीबत में था, मोती ने भी खुद को मुसीबत में डाल दिया। यह सब दर्शाता है कि उनके बीच एक अटूट बंधन था।

6.’ लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो ।’ – हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर : 

हीरा का यह कथन प्रेमचंद के नारी-दृष्टिकोण को दर्शाता है। वे नारी को सम्मान देते थे और उनके साथ होने वाले अत्याचारों के विरुद्ध थे। उन्होंने नारी को एक सशक्त और स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में देखा।

7. किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है ?

उत्तर :  

प्रेमचंद की कहानी “दो बैलों की कथा” में किसान जीवन में पशु और मनुष्य के बीच गहरा भावनात्मक संबंध दिखाया गया है। हीरा और मोती अपने मालिक झूरी से गहरा लगाव रखते हैं। झूरी भी अपने बैलों से बड़े प्यार से पेश आता है। कहानी यह संदेश देती है कि पशु और मनुष्य के बीच एक गहरा भावनात्मक संबंध होता है और हमें पशुओं के प्रति दयालु होना चाहिए।

8. ‘ इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें’ – मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए ।

उत्तर :  

मोती का यह कथन उसकी कई सकारात्मक विशेषताओं को उजागर करता है। सबसे पहले, यह दर्शाता है कि मोती बेहद परोपकारी स्वभाव का है। उसने सिर्फ अपनी जान बचाने के बारे में नहीं सोचा, बल्कि बाकी जानवरों को भी बचाने की कोशिश की। यह उसके दयालु और करुणाशील स्वभाव को दर्शाता है।

दूसरा, मोती आशावादी भी है। उसने यह मान लिया कि बाकी जानवर उसे आशीर्वाद देंगे, जिसका मतलब है कि उसे भविष्य के प्रति आशा है। यह उसके धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

तीसरा, यह कथन मोती के साहसी स्वभाव को भी दर्शाता है। दीवार तोड़कर जानवरों को बचाना एक साहसिक काम था, क्योंकि उसे खुद को खतरे में डालना पड़ा होगा।

अंत में, यह कथन मोती के धार्मिक विश्वास को भी दर्शाता है। वह मानता है कि अच्छे कर्मों का फल मिलता है और बाकी जानवर उसे आशीर्वाद देंगे।

9. आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने

वाला मनुष्य वंचित है।

(ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन

मिल गया।

उत्तर :  

क) 

यह वाक्य हीरा और मोती नामक दो बैलों के बारे में कहा गया है। प्रेमचंद यहां यह संकेत दे रहे हैं कि इन बैलों में एक ऐसी अद्भुत शक्ति है जो मनुष्यों में शायद ही देखने को मिले। यह शक्ति है- आपसी प्रेम, समझदारी और एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति।

हीरा और मोती बिना बोले ही एक-दूसरे की भावनाओं को समझ जाते हैं। उनके बीच एक ऐसा अटूट बंधन है जो मनुष्यों के रिश्तों में भी कम ही देखने को मिलता है। प्रेमचंद यहां यह कहना चाहते हैं कि मनुष्य भले ही बुद्धिमान प्राणी हो, लेकिन भावनाओं के मामले में कई बार वह पशुओं से भी कम पड़ जाता है।

ख) 

यह वाक्य उस समय कहा गया है जब एक छोटी सी लड़की हीरा और मोती को एक रोटी देती है। यहां प्रेमचंद यह बताना चाहते हैं कि भूख सिर्फ शारीरिक जरूरत है, लेकिन हृदय को संतुष्टि देने के लिए प्रेम और स्नेह की जरूरत होती है। उस एक रोटी से हीरा और मोती की भूख शांत नहीं हुई, लेकिन उन्हें जो संतुष्टि मिली, वह उस रोटी से कहीं ज्यादा थी।

यह वाक्य यह भी दर्शाता है कि पशु भी मनुष्यों की तरह ही भावनाएं रखते हैं। वे भी प्यार और स्नेह चाहते हैं। जब उन्हें प्यार मिलता है तो वे बहुत खुश होते हैं।

10. गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि- 

(क) गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था। 

(ख) गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की 

(ग) वह हीरा – मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था । 

(घ) उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी ।

( सही उत्तर के आगे का निशान लगा )

उत्तर :  

गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।

रचना और अभिव्यक्ति

11. हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ़ आवाज़ उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही । हीरा – मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।

उत्तर :  

हीरा और मोती की कहानी में, हम देखते हैं कि वे शोषण के खिलाफ खड़े होते हैं और अपनी आवाज उठाते हैं। हालांकि, इस साहस के लिए उन्हें कई तरह की प्रताड़नाओं का सामना करना पड़ता है। यह हमें सिखाता है कि न्याय की लड़ाई में अक्सर कठिनाइयां आती हैं। लेकिन, उनका साहस हमें प्रेरित करता है कि हम भी अपने अधिकारों के लिए लड़ें और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं।

12. क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है ?

उत्तर :  

जी, बिल्कुल। “दो बैलों की कथा” में आज़ादी की लड़ाई की झलक साफ़ देखने को मिलती है।

प्रेमचंद की यह कहानी सिर्फ दो बैलों की नहीं, बल्कि पूरे समाज के दमन और उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष की कहानी है। हीरा और मोती, जो कि एक तरह से समाज के कमजोर तबके का प्रतिनिधित्व करते हैं, अपने मालिकों के अत्याचारों के खिलाफ खड़े होते हैं। उनकी यह लड़ाई, गुलामी से आज़ादी पाने की एक सार्वभौमिक इच्छा को दर्शाती है।

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Dr. Upendra Kant Chaubey
Dr. Upendra Kant Chaubeyhttps://education85.com
Dr. Upendra Kant Chaubey, An exceptionally qualified educator, holds both a Master's and Ph.D. With a rich academic background, he brings extensive knowledge and expertise to the classroom, ensuring a rewarding and impactful learning experience for students.
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