इस पाठ में, लेखक अपने बचपन के एक अनुभव को साझा करता है। वह बताता है कि कैसे उसने अपने पिता के साथ एक रेल यात्रा की थी। यात्रा के दौरान, उन्हें एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला – एक विशाल झील। झील के किनारे खड़े होकर, लेखक ने पानी की सतह पर सूरज की किरणों के खेल को निहारा। इस दृश्य ने उसे बहुत प्रभावित किया और उसे एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया। इस अनुभव ने लेखक को प्रकृति के सौंदर्य और उसकी शक्ति का एहसास कराया।
पाठ से
1. यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो–चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।
उत्तर :
तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए अथक प्रयास इसलिए किया क्योंकि यासुकी-चान पोलियो से पीड़ित था। उसकी शारीरिक स्थिति ऐसी थी कि वह किसी भी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था। उसके हाथ-पैर इतने कमजोर थे कि वह पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के नहीं चढ़ पाता था।
2.दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो–चान और यासुकी – चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए |
उत्तर :
तोत्तो-चान को संतुष्टि मिली: तोत्तो-चान को अपने दोस्त की मदद करने में संतुष्टि मिली।
यासुकी-चान को खुशी मिली: यासुकी-चान को अपना सपना पूरा होने की खुशी मिली।
3. पाठ में खोजकर देखिए कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो–चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
उत्तर :
जब तोत्तो-चान और यासुकी-चान पेड़ पर चढ़ने की कोशिश में जुटे थे, तब वे दोनों सूरज की तेज धूप से पसीने से तर-बतर हो गए थे। खासकर जब वे एक तिपाई-सीढ़ी के सहारे पेड़ की द्विशाखा तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, तब धूप का ताप उन पर बहुत ज्यादा पड़ रहा था। लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी मेहनत से यह मुश्किल काम पूरा किया और यासुकी-चान पेड़ की शाखा पर चढ़ गया, उसी क्षण बादल का एक टुकड़ा आकाश में छा गया और उसने दोनों को कड़कती धूप से बचा लिया।
4. ‘यासुकी – चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह ……..अंतिम मौका था । ‘ – इस
अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा ?
उत्तर :
पूरा वाक्य: यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह शायद अंतिम मौका था ।
लेखिका ने यह वाक्य इसलिए लिखा होगा क्योंकि:
- यासुकी-चान की शारीरिक स्थिति: यासुकी-चान पोलियो से पीड़ित था। उसकी शारीरिक स्थिति ऐसी थी कि उसके लिए पेड़ पर चढ़ना बहुत मुश्किल था।
- तोत्तो-चान का प्रयास: तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने के लिए बहुत मेहनत की। लेकिन यह एक जोखिम भरा काम था।
- अन्य मौके: हो सकता है कि भविष्य में यासुकी-चान को फिर से पेड़ पर चढ़ने का मौका मिले, लेकिन लेखिका ने इस बात की संभावना को कम ही दिखाया है।
पाठ से आगे
1. तोत्तो–चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन में यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की दृढ़ इच्छा थी । ऐसी दृढ़ इच्छाएँ बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती हैं। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं?
उत्तर :
मैं एक ऐसा व्यक्ति बनना चाहता हूँ जो समाज के लिए कुछ उपयोगी कार्य कर सके। मैं चाहता हूँ कि मैं अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करके लोगों की मदद कर सकूँ। मैं एक ऐसा व्यवसाय शुरू करना चाहता हूँ जो न केवल मुनाफा कमाए बल्कि समाज के लिए भी कुछ अच्छा करे।
अनुमान और कल्पना
1. अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो–चान की नज़रें नीचे क्यों थीं?
उत्तर :
अपराधबोध: वह जानती थी कि वह अपनी माँ से झूठ बोल रही है और उसे इस बात का अपराधबोध हो रहा था।
डर: उसे डर था कि कहीं उसकी माँ को सच पता चल जाए और वह डांटे।
असुरक्षा: झूठ बोलते समय लोग अक्सर असुरक्षित महसूस करते हैं और नज़रें नीचे कर लेते हैं।
सच्चाई छिपाने की कोशिश: वह अपनी माँ से सच्चाई छिपाना चाहती थी और इसलिए अपनी नज़रें नीचे करके झूठ बोल रही थी।
2. यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुज़रनेवाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएँ हर जगह नहीं होतीं। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएँ दिखाई देती हैं। उन सुविधावाली जगहों की सूची बनाइए ।
उत्तर :
अस्पताल और चिकित्सा केंद्र
हवाई अड्डे
मॉल और शॉपिंग सेंटर
रेलवे स्टेशन
पार्क और उद्यान
संग्रहालय और कला दीर्घाएँ